24/11/16 - *बीकानेर व नागौर प्रवास कार्यक्रम*
विषय - 1. भारत को जानो राष्ट्रीय कार्यक्रम के निमित्त धन संग्रह
2. राष्ट्रीय अधिवेशन, अजमेर में भागीदारी/रजिस्ट्रेशन
बीकानेर -
*24 नवम्बर*- सांय 6:30 बजे, स्थान - बीकानेर लेब(डा. हर्ष जी का मकान)
बीकानेर जिले/शहर से सभी राष्ट्रीय, प्रांतीय व शाखास्तरीय दायित्वधारी कार्यकर्ताओं के साथ बैठक।
@श्री गणेश गुप्ता जी, (प्रांतीय कोषाध्यक्ष), श्री राजेन्द्र गर्ग (राष्ट्रीय भारत को जानो कार्यक्रम सह संयोजक), बीकानेर जिला अध्यक्ष/सचिव, आपसब से सादर अनुरोध कृपया सभी की उपस्थिति सुनिश्चित करें।
और प्रवास को सफल बनाने में सहयोग करें।
*25-26 नवंबर'16* - नागौर जिले की सभी शाखाओं का प्रवास-
@विनोद सैन जी(प्रांतीय सह सचिव),भाई साहब प्रवास की योजना बना लेवें। नागौर जिला अध्यक्ष/सचिव,
आपसब से अनुरोध कृपया सभी की उपस्थिति सुनिश्चित करें।
विषय - 1. भारत को जानो राष्ट्रीय कार्यक्रम के निमित्त धन संग्रह
2. राष्ट्रीय अधिवेशन, अजमेर में भागीदारी/रजिस्ट्रेशन
बीकानेर -
*24 नवम्बर*- सांय 6:30 बजे, स्थान - बीकानेर लेब(डा. हर्ष जी का मकान)
बीकानेर जिले/शहर से सभी राष्ट्रीय, प्रांतीय व शाखास्तरीय दायित्वधारी कार्यकर्ताओं के साथ बैठक।
@श्री गणेश गुप्ता जी, (प्रांतीय कोषाध्यक्ष), श्री राजेन्द्र गर्ग (राष्ट्रीय भारत को जानो कार्यक्रम सह संयोजक), बीकानेर जिला अध्यक्ष/सचिव, आपसब से सादर अनुरोध कृपया सभी की उपस्थिति सुनिश्चित करें।
और प्रवास को सफल बनाने में सहयोग करें।
*25-26 नवंबर'16* - नागौर जिले की सभी शाखाओं का प्रवास-
@विनोद सैन जी(प्रांतीय सह सचिव),भाई साहब प्रवास की योजना बना लेवें। नागौर जिला अध्यक्ष/सचिव,
आपसब से अनुरोध कृपया सभी की उपस्थिति सुनिश्चित करें।
20/11 - नोहर प्रवास
और मेरा, हमारे थर्मल कार्यकर्ता श्री पवन कौशिक के साथ नोहर का प्रवास किया।
नोहर शाखा के साथी कार्यकर्ताओं के साथ प्रांतीय भारत को जानो के संबंध में बैठक हुई, यह बैठक काफी सार्थक रही। नोहर शाखा में जिन विषयों पर मैं विशेष बात करना चाहता था, वो आप पहले ही तैयार कर चुके हैं, बहुत अच्छा लगा।
शाखा ने इस कार्यक्रम के निमित्त अच्छी तैयारी की है, सभी को बहुत अच्छी व्यवस्थाएं दी जाएंगी।
*यह कार्यक्रम पूर्णतः प्लास्टिक रहित रहेगा*
साथ में शाखा ने एक नई व्यवस्था और देने का विचार किया है, जोकि surprise ही रहने देते हैं, कार्यक्रम में यह व्यवस्था आप सबको पंसद आएगी।
दूसरा, मुख्य विषय था,
*भारत को जानो राष्ट्रीय आयोजन में शाखा की ओर से आर्थिक सहयोग*,
जिसके लिए शाखा ने अच्छा सहयोग करने/करवाने की जिम्मेदारी ली।
जैसा कि सब जानते है, नोहर शाखा एक बङा प्रांतीय आयोजन करवा रही है, उसके साथ ही राष्ट्रीय आयोजन में भी अच्छा आर्थिक सहयोग करने का आश्वासन दिया है,
यही तो वह बात है,
*जो प्रांत को निरंतर कुछ बङा, कुछ ज्यादा करने को प्रेरित करती है, आप जैसे कार्यकर्ता और शाखाओं से ही बल मिलता है।*
तीसरा विषय और महत्वपूर्ण विषय, *राष्ट्रीय अधिवेशन में सहभागिता*।
जिसके लिए शाखा की ओर से *5 कार्यकर्ताओं* ने बैठक में ही इस कार्यक्रम में पहुंचने की सहमति प्रदान की।
श्री राजू सरावगी और वरिष्ठ कार्यकर्ताओं के नेतृत्व और महेंद्र प्रताप जी, मिश्रा जी और शाखा के सभी कार्यकर्ताओं के अच्छे प्रयास हैं।
मैं, प्रांत की ओर से आप सब को नमन करता हूँ और आपकी यही ऊर्जा, मुझे भी बार बार असीमित कार्य करने के लिए प्रेरित करती है।
और मेरा, हमारे थर्मल कार्यकर्ता श्री पवन कौशिक के साथ नोहर का प्रवास किया।
नोहर शाखा के साथी कार्यकर्ताओं के साथ प्रांतीय भारत को जानो के संबंध में बैठक हुई, यह बैठक काफी सार्थक रही। नोहर शाखा में जिन विषयों पर मैं विशेष बात करना चाहता था, वो आप पहले ही तैयार कर चुके हैं, बहुत अच्छा लगा।
शाखा ने इस कार्यक्रम के निमित्त अच्छी तैयारी की है, सभी को बहुत अच्छी व्यवस्थाएं दी जाएंगी।
*यह कार्यक्रम पूर्णतः प्लास्टिक रहित रहेगा*
साथ में शाखा ने एक नई व्यवस्था और देने का विचार किया है, जोकि surprise ही रहने देते हैं, कार्यक्रम में यह व्यवस्था आप सबको पंसद आएगी।
दूसरा, मुख्य विषय था,
*भारत को जानो राष्ट्रीय आयोजन में शाखा की ओर से आर्थिक सहयोग*,
जिसके लिए शाखा ने अच्छा सहयोग करने/करवाने की जिम्मेदारी ली।
जैसा कि सब जानते है, नोहर शाखा एक बङा प्रांतीय आयोजन करवा रही है, उसके साथ ही राष्ट्रीय आयोजन में भी अच्छा आर्थिक सहयोग करने का आश्वासन दिया है,
यही तो वह बात है,
*जो प्रांत को निरंतर कुछ बङा, कुछ ज्यादा करने को प्रेरित करती है, आप जैसे कार्यकर्ता और शाखाओं से ही बल मिलता है।*
तीसरा विषय और महत्वपूर्ण विषय, *राष्ट्रीय अधिवेशन में सहभागिता*।
जिसके लिए शाखा की ओर से *5 कार्यकर्ताओं* ने बैठक में ही इस कार्यक्रम में पहुंचने की सहमति प्रदान की।
श्री राजू सरावगी और वरिष्ठ कार्यकर्ताओं के नेतृत्व और महेंद्र प्रताप जी, मिश्रा जी और शाखा के सभी कार्यकर्ताओं के अच्छे प्रयास हैं।
मैं, प्रांत की ओर से आप सब को नमन करता हूँ और आपकी यही ऊर्जा, मुझे भी बार बार असीमित कार्य करने के लिए प्रेरित करती है।
20/11 - *खींवसर प्रवास*
कल प्रांतीय अध्यक्ष श्री नृत्य गोपाल जी व प्रांतीय उपाध्यक्ष श्री हेमंत जोशी का खींवसर प्रवास रहा।
और शाखा को कार्यक्रम करवाने के लिए प्रेरित किया गया।
कल प्रांतीय अध्यक्ष श्री नृत्य गोपाल जी व प्रांतीय उपाध्यक्ष श्री हेमंत जोशी का खींवसर प्रवास रहा।
और शाखा को कार्यक्रम करवाने के लिए प्रेरित किया गया।
13/11 - आज *पीलीबंगा, हनुमानगढ भटनेर व हनुमानगढ नगर ईकाई* इन तीन शाखाओं का प्रवास रहेगा। भारत को जानो के प्रश्न मंच के कार्यक्रम में उपस्थिति रहेगी।
इस प्रवास में विकास रत्न व प्रांतीय सरंक्षक श्री *सुनील लवंगकर* जी साथ रहेंगे।
प्रवास का उद्देश्य -
*भारत को जानो प्रश्न मंच में प्रांतीय उपस्थिति व राष्ट्रीय कार्यक्रम के निमित्त आर्थिक सहयोग प्राप्त करना।*
इस प्रवास में विकास रत्न व प्रांतीय सरंक्षक श्री *सुनील लवंगकर* जी साथ रहेंगे।
प्रवास का उद्देश्य -
*भारत को जानो प्रश्न मंच में प्रांतीय उपस्थिति व राष्ट्रीय कार्यक्रम के निमित्त आर्थिक सहयोग प्राप्त करना।*
बीकानेर प्रवास
06.11.16 - कल बीकानेर में बीकानेर मुख्य, बीकानेर नगर ईकाई और मीरा,
तीनों शाखाओं का दिपावली के अवसर पर सामुहिक कार्यक्रम रखा हुआ था।
एक अच्छा प्रयास। ऐसे प्रयास होते रहने चाहिए, ऐसे प्रयास को सार्थक करने वाले सभी कार्यकर्ताओं का अभिनंदन। इस कार्यक्रम में मुझे भी शामिल होने का अवसर प्राप्त हुआ।
आशा है, *महिला सम्मेलन और राष्ट्रीय अधिवेशन में बीकानेर से अच्छी उपस्थिति रहेगी।*
सुषमा भाभी जी अपने स्तर पर अच्छा प्रयास कर रही हैं और राष्ट्रीय अधिवेशन में भी बीकानेर से अच्छी उपस्थिति रहने की उम्मीद है।
तीनों शाखाओं का दिपावली के अवसर पर सामुहिक कार्यक्रम रखा हुआ था।
एक अच्छा प्रयास। ऐसे प्रयास होते रहने चाहिए, ऐसे प्रयास को सार्थक करने वाले सभी कार्यकर्ताओं का अभिनंदन। इस कार्यक्रम में मुझे भी शामिल होने का अवसर प्राप्त हुआ।
आशा है, *महिला सम्मेलन और राष्ट्रीय अधिवेशन में बीकानेर से अच्छी उपस्थिति रहेगी।*
सुषमा भाभी जी अपने स्तर पर अच्छा प्रयास कर रही हैं और राष्ट्रीय अधिवेशन में भी बीकानेर से अच्छी उपस्थिति रहने की उम्मीद है।
गोलूवाला प्रवास
दिनांक 23/10/2016 को दोपहर 2 बजे शाखा गोलूवाला में प्रान्त की अनुमति से प्रवास किया ।जिसमें शाखा अध्यक्ष श्यामलाल जी की अध्यक्षता में सभा का आयोजन किया, जिसमे 4 नए सदस्यों ने सदस्यता फार्म भर कर भारत विकास परिषद् , गोलूवाला के सदस्य बने। नए सदस्यों को परिषद् का परिचय दिया तथा सभी प्रकल्पों के बारे में बताया गया।तथा भारत को जानो , गुरुवंदन छात्र अभिनन्दन व दन्त चिकित्सा शिविर जल्द से जल्द दीपावली की छुट्टियों के बाद तीनों प्रकल्प करवा दिए जाएंगे जिसमे भारत को जानो प्रकल्प प्रमुख श्री संजय पैंसिया ,गुरुवंदन छात्र अभिनन्दन प्रकल्प प्रमुख श्री नरेश जी शर्मा , दन्त चिकित्सा शिविर डॉ. सुशील मिगलानी को बनाया गया। सभा में प्रान्त की फीस लेट होने के सबंध में चर्चा की गई, आस्वासन मिला की फीस जल्द से जल्द भिजवा दी जाएगी।सभा में सचिव श्री रणजीत जी ,कोषाध्यक्ष श्री नरेश जी आदि 8 सदस्य मौजूद थे।
@जगदीश जी भाई साहब,
गोलूवाला हमारी नयी शाखा है और शाखा को कार्य करने के लिए प्रेरित करना, सहयोग करना, मार्गदर्शन देना और इस निमित्त स्वप्रेरित हो आपने प्रवास किया।
बहुत अच्छा लगा, आपने सभी आवश्यक विषय शाखा सदस्यों के समक्ष रखे और कार्य करने हेतु प्रेरित किया, और *स्व:प्रयास से कुछ नए सदस्य भी जोङे।*
@जगदीश जी भाई साहब,
गोलूवाला हमारी नयी शाखा है और शाखा को कार्य करने के लिए प्रेरित करना, सहयोग करना, मार्गदर्शन देना और इस निमित्त स्वप्रेरित हो आपने प्रवास किया।
बहुत अच्छा लगा, आपने सभी आवश्यक विषय शाखा सदस्यों के समक्ष रखे और कार्य करने हेतु प्रेरित किया, और *स्व:प्रयास से कुछ नए सदस्य भी जोङे।*
*दूसरी प्रांतीय बैठक*
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11 सितंबर'16, सूरतगढ़ में संपन्न हुई, जिसमें कार्यक्रम अध्यक्ष व मुख्य वक्ता - *श्री अरूण डागा*, राष्ट्रीय अतिरिक्त महामंत्री व मध्य रीजन महामंत्री (ग्वालियर) के सानिध्य में कार्यक्रम हुआ।
*आपने निम्न विषयों पर मार्गदर्शन दिया*:
1. परिषद् का नया संविधान व संशोधन
2. संगठन
*भारत को जानो राष्ट्रीय कार्यक्रम के समन्वयक और उत्तर रीजन के भारत को जानो प्रकल्प के सेक्रेटरी *श्री राकेश सचदेवा जी का भी मार्गदर्शन प्राप्त हुआ।
आपने राष्ट्रीय भारत को जानो 2016 की तैयारी के विषय में बताया।
इस बैठक में 14 शाखाओं से 52 दायित्वधारी कार्यकर्ताओं की भागीदारी रही और विशेष.....और साधुवाद, एक विशेष कारण से...*सूरतगढ शाखा* की ओर से *पर्यावरण सरंक्षण* में बहुत बङा योगदान दिया गया, और शाखा द्वारा इस कार्यक्रम के इसका सफल प्रयोग से बहुत बङा संदेश दिया गया।
*पूरा आयोजन ....*Disposal और Plastic के गिलास, चम्मच और कपों से मुक्त रहा।* प्रांत का आग्रह स्वीकार करने और इसको पूर्णता के साथ पालना करने के लिए और प्रकृति के संरक्षण में महत्वपूर्ण योगदान देने के लिए हमारी सूरतगढ शाखा को साधुवाद
उन सभी कार्यकर्ताओं का जिन्होंने कल कार्यक्रम में भाग लिया था और इस प्रयास में शाखा का सहयोग किया ।
धन्यवा
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11 सितंबर'16, सूरतगढ़ में संपन्न हुई, जिसमें कार्यक्रम अध्यक्ष व मुख्य वक्ता - *श्री अरूण डागा*, राष्ट्रीय अतिरिक्त महामंत्री व मध्य रीजन महामंत्री (ग्वालियर) के सानिध्य में कार्यक्रम हुआ।
*आपने निम्न विषयों पर मार्गदर्शन दिया*:
1. परिषद् का नया संविधान व संशोधन
2. संगठन
*भारत को जानो राष्ट्रीय कार्यक्रम के समन्वयक और उत्तर रीजन के भारत को जानो प्रकल्प के सेक्रेटरी *श्री राकेश सचदेवा जी का भी मार्गदर्शन प्राप्त हुआ।
आपने राष्ट्रीय भारत को जानो 2016 की तैयारी के विषय में बताया।
इस बैठक में 14 शाखाओं से 52 दायित्वधारी कार्यकर्ताओं की भागीदारी रही और विशेष.....और साधुवाद, एक विशेष कारण से...*सूरतगढ शाखा* की ओर से *पर्यावरण सरंक्षण* में बहुत बङा योगदान दिया गया, और शाखा द्वारा इस कार्यक्रम के इसका सफल प्रयोग से बहुत बङा संदेश दिया गया।
*पूरा आयोजन ....*Disposal और Plastic के गिलास, चम्मच और कपों से मुक्त रहा।* प्रांत का आग्रह स्वीकार करने और इसको पूर्णता के साथ पालना करने के लिए और प्रकृति के संरक्षण में महत्वपूर्ण योगदान देने के लिए हमारी सूरतगढ शाखा को साधुवाद
उन सभी कार्यकर्ताओं का जिन्होंने कल कार्यक्रम में भाग लिया था और इस प्रयास में शाखा का सहयोग किया ।
धन्यवा
जिला कार्यशाला
रिपोर्ट-
गंगानगर जिले की दुसरी कार्यशाला का आयोजन गंगानगर मुख्य शाखा द्वारा दिनांक 9 अगस्त, रविवार को किया गया।
गंगानगर जिले की दूसरी कार्यशाला का आयोजन गंगानगर मुख्य शाखा द्वारा दिनांक 9 अगस्त, रविवार को आजाद सिनेमा,श्री गंगानगर में किया गया।
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शाखा द्वारा बढ़िया आयोजन किया गया। पहले यह कार्यक्रम सादुलशहर में प्रस्तावित था, और किन्हीं अपरिहार्य कारणों से ऐन वक्त पे सादुलशहर शाखा ने इस कार्यशाला के आयोजन के लिए असमर्थता जाहिर की। ऐसे में प्रांत के पास दो विकल्प थे, पहला, नये स्थान की तलाश करना। दूसरा, दिनांक बदलाव। प्रांत ने पहले, पहले विकल्प के लिए प्रयास किया और ऐसे में केवल गंगानगर मुख्य शाखा का ही विचार आया और, एक ही, कार्यकर्ता का विचार आया, श्री राजेन्द्र चावला जी, (सचिव गंगानगर मुख्य शाखा)।
हमारे कार्यकर्ता के मुख से ना नहीं निकला और बोले "कर लेंगे जी", ऐसे समर्पित कार्यकर्ताओं से बल मिलता है।प्रांत आपके समर्पण को नमन करता है। दो दिन के अल्प समय में गंगानगर मुख्य शाखा द्वारा यह आयोजन किया गया, ऐसे में स्थान ढुंढना सबसे कठिन कार्य होता है, शाखा द्वारा अच्छी व्यवस्थाऐं की गई, इसके लिए शाखा समस्त समर्पित कार्यकर्ताओं को नमन।
कुछ बातों कि जानकारी और देना चाहूँगा, हमारी गंगानगर मुख्य शाखा राजस्थान की दुसरी शाखा है, इस शाखा का 1983 में गठन हुआ था। इस नाते हमारे प्रांत के वरिष्ठतम कार्यकर्ताओं से मिलना हुआ और उनकी अच्छी उपस्थिति रही।
हमारी इस शाखा के संस्थापक सदस्य श्री स्वदेश पाल जी की भी उपस्थिति रही, उनका स्वास्थ्य बिल्कुल भी सही नहीं रहता, लेकिन वो कार्यशाला में पूरे समय उपस्थित रहे, परिषद् आपके आत्मा में बसती है।प्रांत आपको नमन करता है।
समस्त सदस्यों के परिचय के पश्चात और प्रांत की संक्षिप्त रिपोर्ट देने के बाद...
शाखाओं द्वारा प्रांत के द्वारा उपलब्ध प्रारूप में शाखा प्रतिवेदन प्रस्तुत किया गया।
जिला अध्यक्ष श्री राजेन्द्र सारस्वत जी द्वारा गंगानगर जिले का प्रतिवेदन प्रस्तुत किया गया।
गंगानगर जिले की गंगानगर में आयोजित दूसरी कार्यशाला रिपोर्ट-
कुल सदस्यों की उपस्थिति-33
जिले में कुल शाखाएं-12,अपेक्षित शाखाएं 6 (सादुलशहर, श्रीकरणपुर, पदमपुर, गजसिंहपुर, गंगानगर प्रताप, गंगानगर मुख्य)
कार्यशाला में उपस्थित शाखाएं-4
अनुपस्थित शाखाएं-2( सादुलशहर, गजसिंहपुर)
विकास मित्र-
गंगानगर जिले में प्रांत में सर्वाधिक विकास मित्र है।
कुल 31, उपस्थित शाखाओं से 18
विकास मित्रों की संख्या में वृद्धि करने का विषय सदन में रखा गया, जिन शाखाओं में एक भी विकास मित्र नहीं है, उन्हें प्रेरित किया गया।
प्रांत में विकास मित्रों की संख्या बढाने पर बल दिया गया।
अभी यह संख्या 62 है।इस सत्र में श्री करणपुर शाखा से दो विकास मित्र बने हैं और एक विकास मित्र सूरतगढ़ से बन रहे हैं, घङसाना से 3 के बनने की सहमती प्राप्त हुई है, अब यह संख्या बढ के 69 होने जा रही है...
उपलब्धी-
गंगानगर मुख्य शाखा से तीन विकास मित्र बनने की सहमती आयी।
1. श्री नंदकिशोर गुप्ता जी, अध्यक्ष गंगानगर मुख्य शाखा
2. श्री राजेन्द्र चावला जी, सचिव गंगानगर मुख्य शाखा
3. श्री प्रेम सेठी जी, सदस्य गंगानगर मुख्य शाखा
सभी को बधाई और नमन।
कार्यशाला में प्रांतीय प्रकल्प प्रभारियों ने विभिन्न प्रकल्पों पर बात रखी- श्री श्याम सुंदर चांडक जी, प्रांतीय वनवासी प्रकल्प प्रभारी ने सभी शाखाओं ने से वनवासियों की सहायता हेतु आग्रह किया। श्री सतपाल गुप्ता जी, प्रांतीय राष्ट्रीय समूह गान प्रतियोगिता प्रकल्प प्रभारी ने प्रतियोगिता में किए गए बदलवा के बारे में बताया, संस्कृत भाषा को हमारे समाज में महत्वपूर्ण स्थान मिले इस हेतु यह नया प्रयोग किया जा रहा है। श्री विजय गर्ग जी, (संपादक संपर्क पत्रिका) ने अगली संपर्क पत्रिका की जानकारी सबके सामने रखी, बताया कि
इस पत्रिका में सभी शाखाओं के कार्यक्रमों को प्रमुखता से लिया जाऐगा, प्रांत में चल रहे स्थाई प्रकल्पों और rare ब्लड ग्रुप की डायरेक्टरी (A-,B-,AB- और O-) शामिल करने का विचार है। इसके साथ पिछले अंक में जिन शाखा सदस्यों के नाम नहीं आ पाये, उनको भी शामिल करने का प्रयास रहेगा। 25 अक्टूबर 15 को राष्ट्रीय समूह गान प्रतियोगिता के कार्यक्रम के दौरान इसका विमोचन किया जाऐगा।इस कार्यक्रम में श्री गौरी शंकर जी, सह-संपादक संपर्क पत्रिका की भी उपस्थिति रही
प्रांतीय संगठन सचिव और CA श्री शशि भूतङा जी ने वित्त विषय पर बात रखी और शाखाओं से आग्रह किया कि शाखाएं अपनी आय व्यय को अनिवार्य रूप से ऑडिट करवाये, कानून की भाषा में हमारा संगठन AOP(association of persons) कहा जाता है, जो सहयोग हम सबसे लेते हैं, उसके प्रति हमारी जवाबदेही है।
हमारे क्षेत्र दस के क्षेत्रीय अध्यक्ष श्री घनश्याम जी ने सेवा और संस्कार पर संबोधित किया। उन्होंने एक महापुरुष के जीवन का एक वृतांत सुनाया।यह महापुरुष एक समय फलों के बाग की चौकीदारी का काम किया करते थे, एक बार फलों के बाग के मालिक के कुछ निजी लोग आये, तो मालिक ने चौकीदार को जिम्मेदारी दी की बाग से सबसे बढ़िया फल ला के दे और चौकीदार ने जब फल लाके दिये तो मालिक को बहुत गुस्सा आया क्योंकि जिस भाव से मीठे फल लाने को कहा गया था, उस हिसाब से बढ़िया नहीं थे। मालिक ने मेहमान जाने के बाद उसे डांटा और बढ़िया फल नहीं लाने का कारण पूछा तो बाग मालिक को जो जबाव मिला तो उसके समझ और कल्पना से परे था उत्तर और वह उत्तर यह था कि मैं बाग का चौकीदार हूँ और यही मेरा दायित्व है, मैंने बाग के फल कभी नहीं चखे।
अपने दायित्व को ईमानदारी से कैसे निभाया जाता है, यह इस वृतांत से मालुम चलता है, जो की आगे चल कर अमेरिका के राष्ट्रपति बने, इनका नाम था अब्राहम लिंकन।
कार्यशाला का उद्देश्य पुरा हो, कार्यकर्ताओं और दायित्वधारियों को मार्गदर्शन मिले।
संगठन में काम करने के दिशा निर्देश, संगठन मजबूत हो और कार्यकर्ता समर्पित हो।इस हेतु "संगठन और कार्यकर्ता" विषय को प्रमुखता से लिया गया और इस पर कार्यशाला के मुख्य वक्ता हमारे क्षेत्र दो के क्षेत्रीय मंत्री, डॉ वासुदेव बंसल जी ने अपना उद्बोधन दिया और अपने विषय को सहज और सरल भाव सभी के सामने प्रभावशाली तरीके से रखा।कार्यकर्ता का सामान्य व्यवहार कैसा हो इसको उन्होंने प्रमुखता से बताया। उन्होंने इस बात को गंभीरता से बताया कि हम हमारे काम में कहीं भटक तो नहीं रहे हैं, आज देश में कुल साढ़े 6 लाख गाँव हैं और 43 लाख से अधिक सामाजिक संस्थाएँ, और देश और समाज की दशा बदल नहीं रही है। इस विषय पर चिंतन की आवश्यकता है और हम काम काम करें किसानों के लिए, श्रमिकों के लिए, महिलाओं के लिए इत्यादि ऐसे अनेक काम हैं, जो किए जा सकते हैं और जो समाज में ज्यादा प्रभावकारी हों। उन्होंने अपने जीवन का उदाहरण देकर बताया कि हमारा एक छोटा और सार्थक प्रयास बहुत कुछ बदल सकता है, बहुतों का अभिमान पुनः जीवित हो सकता, भटके हुओं को एक सही राह दिखा सकता है लेकिन वो सत्य बोलने का साहस हम जुटाएं।
प्रांतीय संगठन सचिव श्री शशि भूतङा जी, द्वारा शाखा व संगठन विस्तार पर अपनी बात रखी। उन्होंने बताया कि जब पंजाब के छोटे छोटे गांवों में 50-50 सदस्यों वाली शाखाएं हैं, तो नगरपालिका क्षेत्र में हमें 50 सदस्य क्यों नहीं मिलेंगे, हम कुछ प्रयास तो करें।
यह हमारे ऊपर प्रभु कृपा ही है कि हमें ईश्वर ने राष्ट्र और समाज का काम करने का अवसर प्रदान किया। उन्होंने कार्यकर्ताओं की क्रियाशीलता के अनुरूप कार्यकर्ताओं का वर्गीकरण किया और कार्यकर्ताओं को 6 श्रेणियों में वर्गीकृत कर बताया कि हमारे लिए प्रत्येक कार्यकर्ता का महत्व है और वो कार्यकर्ता सम्मानित है। उन्होंने हर दायित्व अहम है, यह हमारा सौभाग्य है कि हमें संगठन में काम करने का अवसर प्राप्त हुआ।
हमें हमारे प्रयासों में कोई कमी नहीं रखनी है और निराश नहीं होना है।
कार्यशाला में सभी शाखाओं से आग्रह किया गया -
1. मासिक प्रतिवेदन प्रत्येक माह की 10 तारीख तक भिजवायें।
2. अपनी आय व्यय को आवश्यक रूप से ऑडिट करवायें।
3. शाखाएं अपने यहाँ एक ऐसे कार्यकर्ता को चिन्हित कर, दायित्व सौपें जो computer की जानकारी रखता हो और email account हो।
कहने का अर्थ यह है कि आज technology का युग है और हम भी technology का भरपूर उपयोग लें।
प्रांत paper less पर काम करने का प्रयासरत है।
परिचर्चा के दौरान एक विषय आया था कि प्रांत का सम्पर्क शाखा दायित्वधारियों तक तो रहता है, लेकिन सम्पर्क शाखा सदस्यों तक भी हो। यह विषय सभी के लिए चर्चा हेतु रखता हूँ, कृपया सुझाव दें। कैसे हो...और ऐसा प्रांत क्या करे...?
प्रांत में काम बहुत है, सबका थोड़ा थोड़ा साथ मिले तो हम सब मिलके संगठन को नयी ऊँचाई तक ले जा सकते हैं।
"आवो हम सब साथ चलें।" सभी कार्यकर्ता कार्यशाला समापन तक उसी ऊर्जा के साथ उपस्थित थे जैसा कि कार्यशाला के आरंभ में और गंगानगर मुख्य शाखा से कार्यशाला में अच्छी उपस्थिति थी, यह एक अच्छा संकेत है, शाखा की क्रियाशीलता बढेगी तो यह एक उपलब्धी रहेगी, क्योंकि वर्षों बाद शाखा द्वारा प्रांतीय कार्यक्रम का आयोजन किया गया, कार्यकर्ताओं में हौसला और ऊर्जा का संचार हुआ। सभी का अभिनंदन
धन्यवाद
गंगानगर जिले की दुसरी कार्यशाला का आयोजन गंगानगर मुख्य शाखा द्वारा दिनांक 9 अगस्त, रविवार को किया गया।
गंगानगर जिले की दूसरी कार्यशाला का आयोजन गंगानगर मुख्य शाखा द्वारा दिनांक 9 अगस्त, रविवार को आजाद सिनेमा,श्री गंगानगर में किया गया।
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शाखा द्वारा बढ़िया आयोजन किया गया। पहले यह कार्यक्रम सादुलशहर में प्रस्तावित था, और किन्हीं अपरिहार्य कारणों से ऐन वक्त पे सादुलशहर शाखा ने इस कार्यशाला के आयोजन के लिए असमर्थता जाहिर की। ऐसे में प्रांत के पास दो विकल्प थे, पहला, नये स्थान की तलाश करना। दूसरा, दिनांक बदलाव। प्रांत ने पहले, पहले विकल्प के लिए प्रयास किया और ऐसे में केवल गंगानगर मुख्य शाखा का ही विचार आया और, एक ही, कार्यकर्ता का विचार आया, श्री राजेन्द्र चावला जी, (सचिव गंगानगर मुख्य शाखा)।
हमारे कार्यकर्ता के मुख से ना नहीं निकला और बोले "कर लेंगे जी", ऐसे समर्पित कार्यकर्ताओं से बल मिलता है।प्रांत आपके समर्पण को नमन करता है। दो दिन के अल्प समय में गंगानगर मुख्य शाखा द्वारा यह आयोजन किया गया, ऐसे में स्थान ढुंढना सबसे कठिन कार्य होता है, शाखा द्वारा अच्छी व्यवस्थाऐं की गई, इसके लिए शाखा समस्त समर्पित कार्यकर्ताओं को नमन।
कुछ बातों कि जानकारी और देना चाहूँगा, हमारी गंगानगर मुख्य शाखा राजस्थान की दुसरी शाखा है, इस शाखा का 1983 में गठन हुआ था। इस नाते हमारे प्रांत के वरिष्ठतम कार्यकर्ताओं से मिलना हुआ और उनकी अच्छी उपस्थिति रही।
हमारी इस शाखा के संस्थापक सदस्य श्री स्वदेश पाल जी की भी उपस्थिति रही, उनका स्वास्थ्य बिल्कुल भी सही नहीं रहता, लेकिन वो कार्यशाला में पूरे समय उपस्थित रहे, परिषद् आपके आत्मा में बसती है।प्रांत आपको नमन करता है।
समस्त सदस्यों के परिचय के पश्चात और प्रांत की संक्षिप्त रिपोर्ट देने के बाद...
शाखाओं द्वारा प्रांत के द्वारा उपलब्ध प्रारूप में शाखा प्रतिवेदन प्रस्तुत किया गया।
जिला अध्यक्ष श्री राजेन्द्र सारस्वत जी द्वारा गंगानगर जिले का प्रतिवेदन प्रस्तुत किया गया।
गंगानगर जिले की गंगानगर में आयोजित दूसरी कार्यशाला रिपोर्ट-
कुल सदस्यों की उपस्थिति-33
जिले में कुल शाखाएं-12,अपेक्षित शाखाएं 6 (सादुलशहर, श्रीकरणपुर, पदमपुर, गजसिंहपुर, गंगानगर प्रताप, गंगानगर मुख्य)
कार्यशाला में उपस्थित शाखाएं-4
अनुपस्थित शाखाएं-2( सादुलशहर, गजसिंहपुर)
विकास मित्र-
गंगानगर जिले में प्रांत में सर्वाधिक विकास मित्र है।
कुल 31, उपस्थित शाखाओं से 18
विकास मित्रों की संख्या में वृद्धि करने का विषय सदन में रखा गया, जिन शाखाओं में एक भी विकास मित्र नहीं है, उन्हें प्रेरित किया गया।
प्रांत में विकास मित्रों की संख्या बढाने पर बल दिया गया।
अभी यह संख्या 62 है।इस सत्र में श्री करणपुर शाखा से दो विकास मित्र बने हैं और एक विकास मित्र सूरतगढ़ से बन रहे हैं, घङसाना से 3 के बनने की सहमती प्राप्त हुई है, अब यह संख्या बढ के 69 होने जा रही है...
उपलब्धी-
गंगानगर मुख्य शाखा से तीन विकास मित्र बनने की सहमती आयी।
1. श्री नंदकिशोर गुप्ता जी, अध्यक्ष गंगानगर मुख्य शाखा
2. श्री राजेन्द्र चावला जी, सचिव गंगानगर मुख्य शाखा
3. श्री प्रेम सेठी जी, सदस्य गंगानगर मुख्य शाखा
सभी को बधाई और नमन।
कार्यशाला में प्रांतीय प्रकल्प प्रभारियों ने विभिन्न प्रकल्पों पर बात रखी- श्री श्याम सुंदर चांडक जी, प्रांतीय वनवासी प्रकल्प प्रभारी ने सभी शाखाओं ने से वनवासियों की सहायता हेतु आग्रह किया। श्री सतपाल गुप्ता जी, प्रांतीय राष्ट्रीय समूह गान प्रतियोगिता प्रकल्प प्रभारी ने प्रतियोगिता में किए गए बदलवा के बारे में बताया, संस्कृत भाषा को हमारे समाज में महत्वपूर्ण स्थान मिले इस हेतु यह नया प्रयोग किया जा रहा है। श्री विजय गर्ग जी, (संपादक संपर्क पत्रिका) ने अगली संपर्क पत्रिका की जानकारी सबके सामने रखी, बताया कि
इस पत्रिका में सभी शाखाओं के कार्यक्रमों को प्रमुखता से लिया जाऐगा, प्रांत में चल रहे स्थाई प्रकल्पों और rare ब्लड ग्रुप की डायरेक्टरी (A-,B-,AB- और O-) शामिल करने का विचार है। इसके साथ पिछले अंक में जिन शाखा सदस्यों के नाम नहीं आ पाये, उनको भी शामिल करने का प्रयास रहेगा। 25 अक्टूबर 15 को राष्ट्रीय समूह गान प्रतियोगिता के कार्यक्रम के दौरान इसका विमोचन किया जाऐगा।इस कार्यक्रम में श्री गौरी शंकर जी, सह-संपादक संपर्क पत्रिका की भी उपस्थिति रही
प्रांतीय संगठन सचिव और CA श्री शशि भूतङा जी ने वित्त विषय पर बात रखी और शाखाओं से आग्रह किया कि शाखाएं अपनी आय व्यय को अनिवार्य रूप से ऑडिट करवाये, कानून की भाषा में हमारा संगठन AOP(association of persons) कहा जाता है, जो सहयोग हम सबसे लेते हैं, उसके प्रति हमारी जवाबदेही है।
हमारे क्षेत्र दस के क्षेत्रीय अध्यक्ष श्री घनश्याम जी ने सेवा और संस्कार पर संबोधित किया। उन्होंने एक महापुरुष के जीवन का एक वृतांत सुनाया।यह महापुरुष एक समय फलों के बाग की चौकीदारी का काम किया करते थे, एक बार फलों के बाग के मालिक के कुछ निजी लोग आये, तो मालिक ने चौकीदार को जिम्मेदारी दी की बाग से सबसे बढ़िया फल ला के दे और चौकीदार ने जब फल लाके दिये तो मालिक को बहुत गुस्सा आया क्योंकि जिस भाव से मीठे फल लाने को कहा गया था, उस हिसाब से बढ़िया नहीं थे। मालिक ने मेहमान जाने के बाद उसे डांटा और बढ़िया फल नहीं लाने का कारण पूछा तो बाग मालिक को जो जबाव मिला तो उसके समझ और कल्पना से परे था उत्तर और वह उत्तर यह था कि मैं बाग का चौकीदार हूँ और यही मेरा दायित्व है, मैंने बाग के फल कभी नहीं चखे।
अपने दायित्व को ईमानदारी से कैसे निभाया जाता है, यह इस वृतांत से मालुम चलता है, जो की आगे चल कर अमेरिका के राष्ट्रपति बने, इनका नाम था अब्राहम लिंकन।
कार्यशाला का उद्देश्य पुरा हो, कार्यकर्ताओं और दायित्वधारियों को मार्गदर्शन मिले।
संगठन में काम करने के दिशा निर्देश, संगठन मजबूत हो और कार्यकर्ता समर्पित हो।इस हेतु "संगठन और कार्यकर्ता" विषय को प्रमुखता से लिया गया और इस पर कार्यशाला के मुख्य वक्ता हमारे क्षेत्र दो के क्षेत्रीय मंत्री, डॉ वासुदेव बंसल जी ने अपना उद्बोधन दिया और अपने विषय को सहज और सरल भाव सभी के सामने प्रभावशाली तरीके से रखा।कार्यकर्ता का सामान्य व्यवहार कैसा हो इसको उन्होंने प्रमुखता से बताया। उन्होंने इस बात को गंभीरता से बताया कि हम हमारे काम में कहीं भटक तो नहीं रहे हैं, आज देश में कुल साढ़े 6 लाख गाँव हैं और 43 लाख से अधिक सामाजिक संस्थाएँ, और देश और समाज की दशा बदल नहीं रही है। इस विषय पर चिंतन की आवश्यकता है और हम काम काम करें किसानों के लिए, श्रमिकों के लिए, महिलाओं के लिए इत्यादि ऐसे अनेक काम हैं, जो किए जा सकते हैं और जो समाज में ज्यादा प्रभावकारी हों। उन्होंने अपने जीवन का उदाहरण देकर बताया कि हमारा एक छोटा और सार्थक प्रयास बहुत कुछ बदल सकता है, बहुतों का अभिमान पुनः जीवित हो सकता, भटके हुओं को एक सही राह दिखा सकता है लेकिन वो सत्य बोलने का साहस हम जुटाएं।
प्रांतीय संगठन सचिव श्री शशि भूतङा जी, द्वारा शाखा व संगठन विस्तार पर अपनी बात रखी। उन्होंने बताया कि जब पंजाब के छोटे छोटे गांवों में 50-50 सदस्यों वाली शाखाएं हैं, तो नगरपालिका क्षेत्र में हमें 50 सदस्य क्यों नहीं मिलेंगे, हम कुछ प्रयास तो करें।
यह हमारे ऊपर प्रभु कृपा ही है कि हमें ईश्वर ने राष्ट्र और समाज का काम करने का अवसर प्रदान किया। उन्होंने कार्यकर्ताओं की क्रियाशीलता के अनुरूप कार्यकर्ताओं का वर्गीकरण किया और कार्यकर्ताओं को 6 श्रेणियों में वर्गीकृत कर बताया कि हमारे लिए प्रत्येक कार्यकर्ता का महत्व है और वो कार्यकर्ता सम्मानित है। उन्होंने हर दायित्व अहम है, यह हमारा सौभाग्य है कि हमें संगठन में काम करने का अवसर प्राप्त हुआ।
हमें हमारे प्रयासों में कोई कमी नहीं रखनी है और निराश नहीं होना है।
कार्यशाला में सभी शाखाओं से आग्रह किया गया -
1. मासिक प्रतिवेदन प्रत्येक माह की 10 तारीख तक भिजवायें।
2. अपनी आय व्यय को आवश्यक रूप से ऑडिट करवायें।
3. शाखाएं अपने यहाँ एक ऐसे कार्यकर्ता को चिन्हित कर, दायित्व सौपें जो computer की जानकारी रखता हो और email account हो।
कहने का अर्थ यह है कि आज technology का युग है और हम भी technology का भरपूर उपयोग लें।
प्रांत paper less पर काम करने का प्रयासरत है।
परिचर्चा के दौरान एक विषय आया था कि प्रांत का सम्पर्क शाखा दायित्वधारियों तक तो रहता है, लेकिन सम्पर्क शाखा सदस्यों तक भी हो। यह विषय सभी के लिए चर्चा हेतु रखता हूँ, कृपया सुझाव दें। कैसे हो...और ऐसा प्रांत क्या करे...?
प्रांत में काम बहुत है, सबका थोड़ा थोड़ा साथ मिले तो हम सब मिलके संगठन को नयी ऊँचाई तक ले जा सकते हैं।
"आवो हम सब साथ चलें।" सभी कार्यकर्ता कार्यशाला समापन तक उसी ऊर्जा के साथ उपस्थित थे जैसा कि कार्यशाला के आरंभ में और गंगानगर मुख्य शाखा से कार्यशाला में अच्छी उपस्थिति थी, यह एक अच्छा संकेत है, शाखा की क्रियाशीलता बढेगी तो यह एक उपलब्धी रहेगी, क्योंकि वर्षों बाद शाखा द्वारा प्रांतीय कार्यक्रम का आयोजन किया गया, कार्यकर्ताओं में हौसला और ऊर्जा का संचार हुआ। सभी का अभिनंदन
धन्यवाद
घङसाना कार्यशाला की रिपोर्ट-
रिपोर्ट-
गंगानगर जिले की पहली कार्यशाला का आयोजन घङसाना शाखा द्वारा दिनांक 2 अगस्त, रविवार को अग्रवाल धर्मशाला में किया गया।
शाखा द्वारा शानदार और व्यवस्थित आयोजन किया गया।कार्यक्रम के पश्चात एक नई ऊर्जा का संचार हुआ।
यह एक बहुत बङी बात है कि शाखा के लगभग सभी कार्यकर्ताओं की उपस्थिति थी, शाखा के समर्पित कार्यकर्ताओं को नमन।
घङसाना शाखा की सदस्य संख्या 27 है और कार्यशाला में शाखा के 24 कार्यकर्ताओं ने सेवाएं दी, उनकी उपस्थिति रही।
श्री जयदीप महेश्वरी भाई साहब, प्रांतीय उपाध्यक्ष ने ऐसा वादा किया था कि घङसाना शाखा के सभी सदस्यों की उपस्थिति कार्यशाला में करवायेंगे और आपने अपना वादा पूरा किया।
शाखाओं द्वारा प्रांत के द्वारा उपलब्ध प्रारूप में शाखा प्रतिवेदन प्रस्तुत किया गया।
गंगानगर जिले की घङसाना कार्यशाला रिपोर्ट-
कुल सदस्यों की उपस्थिति-49
जिले में कुल शाखाएं-12,अपेक्षित शाखाएं 6 (सूरतगढ़, थर्मल,जैतसर, श्री विजयनगर,अनूपगढ, घड़साना)
कार्यशाला में उपस्थित शाखाएं-6
अनुपस्थित शाखाएं-कोई नहीं
इस कार्यशाला में शाखाओं की शत् प्रतिशत रही। सभी अपेक्षित शाखाएं कार्यशाला में पहुँची। ऐसा अभी तक आयोजित दो कार्यशालाओं में पहली बार हुआ।
सभी शाखाएं और हमारे आदरणीय जिला अध्यक्ष राजेन्द्र जी बधाई के पात्र के हैं।
विकास मित्र-
गंगानगर जिले में प्रांत में सर्वाधिक विकास मित्र है।
कुल 30, उपस्थित शाखाओं से 13
विकास मित्रों की संख्या में वृद्धि करने का विषय सदन में रखा गया, जिन शाखाओं में एक भी विकास मित्र नहीं है, उन्हें प्रेरित किया गया।
प्रांत में विकास मित्रों की संख्या बढाने पर बल दिया गया।
अभी यह संख्या 62 है।
इस सत्र में श्री करणपुर शाखा से दो विकास मित्र बने हैं और एक विकास मित्र सूरतगढ़ से बन रहे हैं।
उपलब्धी-
घङसाना शाखा से तीन विकास मित्र बनने की सहमती आयी।
1. श्री परमिंदर सिंह जी, कोषाध्यक्ष घङसाना शाखा
2. श्री सुरजीत चौधरी जी, प्रांतीय सरल सामुहिक विवाह प्रकल्प प्रभारी
3. पंडित रविकांत शास्त्री जी, सदस्य घङसाना शाखा
सभी को बधाई और नमन
कार्यशाला का उद्देश्य पुरा हो, कार्यकर्ताओं और दायित्वधारियों को मार्गदर्शन मिले।संगठन में काम करने के दिशा निर्देश, संगठन मजबूत हो और कार्यकर्ता समर्पित हो।इस हेतु "संगठन और कार्यकर्ता" विषय को प्रमुखता से लिया गया और इस पर हमारे राष्ट्रीय मंत्री, राष्ट्रीय समूह गान प्रतियोगिता, श्री त्रिभुवन शर्मा जी ने अपना उद्बोधन दिया और इस विषय को सभी के सामने प्रभावशाली तरीके से रखा। त्रिभुवन जी ने हमारे पाँच सूत्रों को एक कथा के माध्यम से अर्थ पूर्ण तरीके से और सरल भाव से समझाया।यह कथा हमारे संत नामदेव जी की है,उन्होंने कहा कि हम परिषद् का साहित्य पढ़ें और परिषद् को आत्मसात करें और जीवन का हिस्सा बनाएं।
कार्यशाला में प्रांतीय प्रकल्प प्रभारियों ने विभिन्न प्रकल्पों पर बात रखी-
श्री दीनबंधु शर्मा, प्रांतीय सहसचिव ने गुरू वंदन छात्र अभिनंदन पर, श्री दर्शन गर्ग ने अपने प्रकल्प समग्र गाँव बस्ती विकास पर, श्री विनोद शर्मा जी ने विकलांग सहायता पर और श्री आकाश मित्तल जी ने रक्त दान पर अपनी बात रखी।
श्री श्याम सुंदर चांडक जी, प्रांतीय वनवासी प्रकल्प प्रभारी की भी उपस्थिति रही।
गंगानगर जिला अध्यक्ष श्री राजेन्द्र सारस्वत जी ने जिले का प्रतिवेदन प्रस्तुत किया।
प्रांतीय संगठन सचिव और CA श्री शशि भूतङा जी ने वित्त विषय पर बात रखी और शाखाओं से आग्रह किया कि शाखाएं अपनी आय व्यय को अनिवार्य रूप से ऑडिट करवाये।आय व्यय का रिकार्ड दुरूस्त रखने के महत्व को समझाया।अभी तक केवल चार शाखाओं की ऑडिट रिपोर्ट ही प्राप्त हुई है। ***सभी शाखाएं अपने वार्षिक खर्च की ऑडिट अनिवार्य रूप से करवाएं, CA से करवाएं और प्रांत को एक कॉपी भेजें।
कार्यशाला विलम्ब से आरंभ हुई, इसका प्रांत को खेद है, चुंकि बरसात हो रही थी, सङकें बुरी तरह क्षतिग्रस्त थी, इसलिए इस विलम्ब का कोई विकल्प नहीं था। लेकिन कार्यशाला में एक नया प्रयोग किया गया। कार्यशाला को दो सत्र में किया गया। कार्यशाला 10:30 से आरंभ होनी थी, लेकिन 12 बजे आरंभ हुई। पहला सत्र 12 बजे से 2:30 तक रखा गया और आधे घंटे के भोजन के पश्चात पुनः 3:15 से दूसरा सत्र एक घंटे का रखा गया। इस प्रकार कार्यशाला का पूरा समय 4 घंटे का ही रहा।भोजन अवकाश के पश्चात सदस्यों व शाखाओं की संपूर्ण उपस्थिति रही, सभी को साधुवाद, क्योंकि कार्यशाला की सार्थकता कार्यकर्ताओं से ही होती इसी दृष्टिकोण से यह एक सफल आयोजन रहा।
प्रांतीय सरंक्षक श्री सुनील लवंगकर जी द्वारा परिषद् के संपर्क, सेवा व संस्कार के विषय पर अपने विचार रखे और परिषद् के प्रकल्पों के बारे में बताया गया। उन्होंने बताया कि सबसे पहली कार्यशाला का आयोजन 15 अगस्त 1966 में आंध्रप्रदेश के विशाखापत्तनम शहर में किया गया।सेवा के प्रकल्प "सरल सामुहिक विवाह" का कार्य हमारे प्रांत में बहुत अच्छा हो रहा है। हमारी चार शाखाएं - घङसाना, अनुपगढ, जैतसर और श्री विजयनगर शाखा द्वारा यह कार्यक्रम वर्षों से करवाया जा रहा है, इस प्रकल्प ने शाखाओं को क्षेत्र में विशिष्ट पहचान दी है। भाई साहब द्वारा सभी को सकारात्मक सोच के साथ कार्य करने के लिए प्रेरित किया गया।
घङसाना शाखा के 9 कार्यकर्ताओं को सम्मानित किया गया।
अनूपगढ़ और घङसाना को गत वर्ष के श्रेष्ठ कार्यों के लिए इस कार्यशाला में उनके सम्मान प्रतीक भेंट किए गए।
कार्यशाला में सभी शाखाओं से आग्रह किया गया -
1. मासिक प्रतिवेदन प्रत्येक माह की 10 तारीख तक भिजवायें।
2. अपनी आय व्यय को आवश्यक रूप से ऑडिट करवायें।
3. शाखाएं अपने यहाँ एक ऐसे कार्यकर्ता को चिन्हित कर, दायित्व सौपें जो computer की जानकारी रखता हो और email account हो।
कहने का अर्थ यह है कि आज technology का युग है और हम भी technology का भरपूर उपयोग लें।
प्रांत paper less पर काम करने का प्रयासरत है।
प्रांतीय संगठन सचिव श्री शशि भूतङा जी, द्वारा शाखा व संगठन विस्तार पर अपनी बात रखी। हमें लक्ष्य बङे रखने चाहिए और हम लक्ष्य प्राप्ति के लिए सार्थक प्रयास करें। पंजाब के छोटे छोटे गांवों में 50-50 सदस्यों वाली शाखाएं हैं, हम भी प्रयास करें। यह हमारे ऊपर प्रभु कृपा ही है कि हमें ईश्वर ने राष्ट्र और समाज का काम करने का अवसर प्रदान किया। उन्होंने बताया हम कार्यकर्ताओं को 6 प्रकार में बांट सकते हैं और प्रत्येक कार्यकर्ता का महत्व है और सम्मानित है। उन्होंने कार्यकर्ताओं की क्रियाशीलता के अनुरूप कार्यकर्ताओं का वर्गीकरण किया।
हर दायित्व अहम है, यह हमारा सौभाग्य है कि हमें संगठन में काम करने का अवसर प्राप्त हुआ। हमें हमारे प्रयासों में कोई कमी नहीं रखनी है और निराश नहीं होना है।
शाखा विस्तार के प्रयास करने की बात की गई।
श्री लुणा राम जी, अध्यक्ष जैतसर शाखा और घङसाना शाखा ने रावला शाखा खुलवाने में सहयोग करने की बात कही ।
सभी का अभिनंदन
धन्यवाद
आपका साथी व अनुज-विनोद आढा, प्रांतीय महासचिव
रिपोर्ट-
गंगानगर जिले की पहली कार्यशाला का आयोजन घङसाना शाखा द्वारा दिनांक 2 अगस्त, रविवार को अग्रवाल धर्मशाला में किया गया।
शाखा द्वारा शानदार और व्यवस्थित आयोजन किया गया।कार्यक्रम के पश्चात एक नई ऊर्जा का संचार हुआ।
यह एक बहुत बङी बात है कि शाखा के लगभग सभी कार्यकर्ताओं की उपस्थिति थी, शाखा के समर्पित कार्यकर्ताओं को नमन।
घङसाना शाखा की सदस्य संख्या 27 है और कार्यशाला में शाखा के 24 कार्यकर्ताओं ने सेवाएं दी, उनकी उपस्थिति रही।
श्री जयदीप महेश्वरी भाई साहब, प्रांतीय उपाध्यक्ष ने ऐसा वादा किया था कि घङसाना शाखा के सभी सदस्यों की उपस्थिति कार्यशाला में करवायेंगे और आपने अपना वादा पूरा किया।
शाखाओं द्वारा प्रांत के द्वारा उपलब्ध प्रारूप में शाखा प्रतिवेदन प्रस्तुत किया गया।
गंगानगर जिले की घङसाना कार्यशाला रिपोर्ट-
कुल सदस्यों की उपस्थिति-49
जिले में कुल शाखाएं-12,अपेक्षित शाखाएं 6 (सूरतगढ़, थर्मल,जैतसर, श्री विजयनगर,अनूपगढ, घड़साना)
कार्यशाला में उपस्थित शाखाएं-6
अनुपस्थित शाखाएं-कोई नहीं
इस कार्यशाला में शाखाओं की शत् प्रतिशत रही। सभी अपेक्षित शाखाएं कार्यशाला में पहुँची। ऐसा अभी तक आयोजित दो कार्यशालाओं में पहली बार हुआ।
सभी शाखाएं और हमारे आदरणीय जिला अध्यक्ष राजेन्द्र जी बधाई के पात्र के हैं।
विकास मित्र-
गंगानगर जिले में प्रांत में सर्वाधिक विकास मित्र है।
कुल 30, उपस्थित शाखाओं से 13
विकास मित्रों की संख्या में वृद्धि करने का विषय सदन में रखा गया, जिन शाखाओं में एक भी विकास मित्र नहीं है, उन्हें प्रेरित किया गया।
प्रांत में विकास मित्रों की संख्या बढाने पर बल दिया गया।
अभी यह संख्या 62 है।
इस सत्र में श्री करणपुर शाखा से दो विकास मित्र बने हैं और एक विकास मित्र सूरतगढ़ से बन रहे हैं।
उपलब्धी-
घङसाना शाखा से तीन विकास मित्र बनने की सहमती आयी।
1. श्री परमिंदर सिंह जी, कोषाध्यक्ष घङसाना शाखा
2. श्री सुरजीत चौधरी जी, प्रांतीय सरल सामुहिक विवाह प्रकल्प प्रभारी
3. पंडित रविकांत शास्त्री जी, सदस्य घङसाना शाखा
सभी को बधाई और नमन
कार्यशाला का उद्देश्य पुरा हो, कार्यकर्ताओं और दायित्वधारियों को मार्गदर्शन मिले।संगठन में काम करने के दिशा निर्देश, संगठन मजबूत हो और कार्यकर्ता समर्पित हो।इस हेतु "संगठन और कार्यकर्ता" विषय को प्रमुखता से लिया गया और इस पर हमारे राष्ट्रीय मंत्री, राष्ट्रीय समूह गान प्रतियोगिता, श्री त्रिभुवन शर्मा जी ने अपना उद्बोधन दिया और इस विषय को सभी के सामने प्रभावशाली तरीके से रखा। त्रिभुवन जी ने हमारे पाँच सूत्रों को एक कथा के माध्यम से अर्थ पूर्ण तरीके से और सरल भाव से समझाया।यह कथा हमारे संत नामदेव जी की है,उन्होंने कहा कि हम परिषद् का साहित्य पढ़ें और परिषद् को आत्मसात करें और जीवन का हिस्सा बनाएं।
कार्यशाला में प्रांतीय प्रकल्प प्रभारियों ने विभिन्न प्रकल्पों पर बात रखी-
श्री दीनबंधु शर्मा, प्रांतीय सहसचिव ने गुरू वंदन छात्र अभिनंदन पर, श्री दर्शन गर्ग ने अपने प्रकल्प समग्र गाँव बस्ती विकास पर, श्री विनोद शर्मा जी ने विकलांग सहायता पर और श्री आकाश मित्तल जी ने रक्त दान पर अपनी बात रखी।
श्री श्याम सुंदर चांडक जी, प्रांतीय वनवासी प्रकल्प प्रभारी की भी उपस्थिति रही।
गंगानगर जिला अध्यक्ष श्री राजेन्द्र सारस्वत जी ने जिले का प्रतिवेदन प्रस्तुत किया।
प्रांतीय संगठन सचिव और CA श्री शशि भूतङा जी ने वित्त विषय पर बात रखी और शाखाओं से आग्रह किया कि शाखाएं अपनी आय व्यय को अनिवार्य रूप से ऑडिट करवाये।आय व्यय का रिकार्ड दुरूस्त रखने के महत्व को समझाया।अभी तक केवल चार शाखाओं की ऑडिट रिपोर्ट ही प्राप्त हुई है। ***सभी शाखाएं अपने वार्षिक खर्च की ऑडिट अनिवार्य रूप से करवाएं, CA से करवाएं और प्रांत को एक कॉपी भेजें।
कार्यशाला विलम्ब से आरंभ हुई, इसका प्रांत को खेद है, चुंकि बरसात हो रही थी, सङकें बुरी तरह क्षतिग्रस्त थी, इसलिए इस विलम्ब का कोई विकल्प नहीं था। लेकिन कार्यशाला में एक नया प्रयोग किया गया। कार्यशाला को दो सत्र में किया गया। कार्यशाला 10:30 से आरंभ होनी थी, लेकिन 12 बजे आरंभ हुई। पहला सत्र 12 बजे से 2:30 तक रखा गया और आधे घंटे के भोजन के पश्चात पुनः 3:15 से दूसरा सत्र एक घंटे का रखा गया। इस प्रकार कार्यशाला का पूरा समय 4 घंटे का ही रहा।भोजन अवकाश के पश्चात सदस्यों व शाखाओं की संपूर्ण उपस्थिति रही, सभी को साधुवाद, क्योंकि कार्यशाला की सार्थकता कार्यकर्ताओं से ही होती इसी दृष्टिकोण से यह एक सफल आयोजन रहा।
प्रांतीय सरंक्षक श्री सुनील लवंगकर जी द्वारा परिषद् के संपर्क, सेवा व संस्कार के विषय पर अपने विचार रखे और परिषद् के प्रकल्पों के बारे में बताया गया। उन्होंने बताया कि सबसे पहली कार्यशाला का आयोजन 15 अगस्त 1966 में आंध्रप्रदेश के विशाखापत्तनम शहर में किया गया।सेवा के प्रकल्प "सरल सामुहिक विवाह" का कार्य हमारे प्रांत में बहुत अच्छा हो रहा है। हमारी चार शाखाएं - घङसाना, अनुपगढ, जैतसर और श्री विजयनगर शाखा द्वारा यह कार्यक्रम वर्षों से करवाया जा रहा है, इस प्रकल्प ने शाखाओं को क्षेत्र में विशिष्ट पहचान दी है। भाई साहब द्वारा सभी को सकारात्मक सोच के साथ कार्य करने के लिए प्रेरित किया गया।
घङसाना शाखा के 9 कार्यकर्ताओं को सम्मानित किया गया।
अनूपगढ़ और घङसाना को गत वर्ष के श्रेष्ठ कार्यों के लिए इस कार्यशाला में उनके सम्मान प्रतीक भेंट किए गए।
कार्यशाला में सभी शाखाओं से आग्रह किया गया -
1. मासिक प्रतिवेदन प्रत्येक माह की 10 तारीख तक भिजवायें।
2. अपनी आय व्यय को आवश्यक रूप से ऑडिट करवायें।
3. शाखाएं अपने यहाँ एक ऐसे कार्यकर्ता को चिन्हित कर, दायित्व सौपें जो computer की जानकारी रखता हो और email account हो।
कहने का अर्थ यह है कि आज technology का युग है और हम भी technology का भरपूर उपयोग लें।
प्रांत paper less पर काम करने का प्रयासरत है।
प्रांतीय संगठन सचिव श्री शशि भूतङा जी, द्वारा शाखा व संगठन विस्तार पर अपनी बात रखी। हमें लक्ष्य बङे रखने चाहिए और हम लक्ष्य प्राप्ति के लिए सार्थक प्रयास करें। पंजाब के छोटे छोटे गांवों में 50-50 सदस्यों वाली शाखाएं हैं, हम भी प्रयास करें। यह हमारे ऊपर प्रभु कृपा ही है कि हमें ईश्वर ने राष्ट्र और समाज का काम करने का अवसर प्रदान किया। उन्होंने बताया हम कार्यकर्ताओं को 6 प्रकार में बांट सकते हैं और प्रत्येक कार्यकर्ता का महत्व है और सम्मानित है। उन्होंने कार्यकर्ताओं की क्रियाशीलता के अनुरूप कार्यकर्ताओं का वर्गीकरण किया।
हर दायित्व अहम है, यह हमारा सौभाग्य है कि हमें संगठन में काम करने का अवसर प्राप्त हुआ। हमें हमारे प्रयासों में कोई कमी नहीं रखनी है और निराश नहीं होना है।
शाखा विस्तार के प्रयास करने की बात की गई।
श्री लुणा राम जी, अध्यक्ष जैतसर शाखा और घङसाना शाखा ने रावला शाखा खुलवाने में सहयोग करने की बात कही ।
सभी का अभिनंदन
धन्यवाद
आपका साथी व अनुज-विनोद आढा, प्रांतीय महासचिव
रिपोर्ट-
हनुमानगढ़ जिले की कार्यशाला का आयोजन नोहर शाखा द्वारा दिनांक 5 जुलाई, रविवार को किया गया।
नोहर शाखा की सदस्य संख्या 25 है और कार्यशाला में शाखा के 15 कार्यकर्ताओं ने सेवाएं दी, उनकी उपस्थिति रही।
सभी शाखाओं द्वारा प्रांत के द्वारा उपलब्ध प्रारूप में शाखा प्रतिवेदन प्रस्तुत किया गया।
जिला अध्यक्ष श्री राजु सरावगी द्वारा जिले का प्रतिवेदन प्रस्तुत किया गया।
हनुमानगढ़ जिले की कार्यशाला रिपोर्ट-
कुल सदस्यों की उपस्थिति-27
जिले में कुल शाखाएं-7
कार्यशाला में उपस्थित शाखाएं-4(हनुमानगढ़ नगर ईकाई, हनुमानगढ़ भटनेर, संगरिया, नोहर)
अनुपस्थित शाखाएं-3(पीलीबंगा, हनुमानगढ़ संगम, टिब्बी)
कार्यशाला में प्रांतीय सहसचिव श्री दीनबंधु शर्मा (जैतसर शाखा से) और
श्री श्याम सुंदर चांडक जी, प्रांतीय वनवासी प्रकल्प प्रभारी की भी उपस्थिति रही।
इसके अतिरिक्त रावतसर से एक कार्यकर्ता श्री महावीर जी कार्यक्रम में उपस्थित थे
विकास मित्र-
हनुमानगढ़ जिले में केवल 2 विकास मित्र है।
विकास मित्रों की संख्या में वृद्धि करने का संकल्प सदन द्वारा लिया गया। यह संख्या 100 तक ले जाने का संकल्प हुआ।
प्रांत में विकास मित्रों की संख्या बढाने पर बल दिया गया।
विकास रत्न
प्रांत में केवल दो ही विकास रत्न हैं और दोनों गंगानगर जिले से।
हनुमानगढ़ जिले से एक विकास रत्न हो, ऐसा प्रयास करने का संकल्प भी लिया गया।
प्रांतीय संगठन सचिव श्री शशि भूतङा जी ने प्रांत के आय व्यय का ब्यौरा रखा और शाखाओं से आग्रह किया कि शाखाएं अपनी आय व्यय को अनिवार्य रूप से ऑडिट करवाये।आय व्यय का रिकार्ड दुरूस्त रखने के महत्व को समझाया।
प्रांतीय कार्यशाला प्रकल्प प्रभारी श्री रामनिवास मांडण जी ने अपने प्रकल्प की जानकारी दी।
डीडवाना कार्यशाला में श्री युधिष्ठिर त्रिवेदी जी ( राष्ट्रीय उपाध्यक्ष वनवासी सहायता प्रकल्प)
के प्रकल्प की जानकारी को मैंने सबसे साझा किया।
इसलिए हमारे वनवासी प्रकल्प के लिए अधिक से अधिक आर्थिक सहयोग करने का प्रयास करें।
हनुमानगढ़ नगर ईकाई शाखा और नोहर शाखा द्वारा भी अच्छा आर्थिक सहयोग करने का संकल्प लिया, अच्छा लगा।
डीडवाना शाखा से प्रेरित हो कर प्रांत भी इस प्रकल्प के लिए अधिक से अधिक आर्थिक सहयोग करवाने का प्रयास करेगा।
स्वच्छता प्रकल्प
के बारे में मैंने मोहर सिंह जी, के अनुभव सबसे साझा किए।जिन्होंने बीकानेर शहर को साफ और सुँदर बनाने का संकल्प लिया है।
उनके इस स्वच्छता प्रकल्प के कार्य को समझाया।
जोन दस के क्षेत्रीय अध्यक्ष श्री घनश्याम शर्मा जी द्वारा परिषद् के सेवा कार्यों व संस्कार प्रकल्पों के बारे में विस्तार से बताया गया।
सेवा के प्रकल्प "सरल सामुहिक विवाह" का कार्य हमारे प्रांत में बहुत अच्छा हो रहा है।
हमारी चार शाखाएं - घङसाना, अनुपगढ, जैतसर और श्री विजयनगर शाखा द्वारा यह कार्यक्रम वर्षों से करवाया जा रहा है, इस प्रकल्प ने शाखाओं को क्षेत्र में विशिष्ट पहचान दी है। ऐसा ही कोई सेवा प्रकल्प अन्य शाखाएं भी अपने क्षेत्र में करवायें।
इसके साथ ग्राम बस्ती विकास, विकलांग सहायता और वनवासी सहायता के कार्यक्रमों के बारे में सदन को बताया गया।
उन्होंने राष्ट्रीय संस्कार प्रकल्प, गुरु वंदन छात्र अभिनंदन, भारत को जानो, संस्कृति सप्ताह तथा राष्ट्रीय समूह गान प्रतियोगिता के बारे में बताया और आपसी चर्चा के माध्यम से सबको समझाया।
**राष्ट्रीय समूह गान प्रतियोगिता में इस वर्ष किए गए परिवर्तन के बारे में भी शाखाओं को बताया गया।
भाई साहब द्वारा सभी को सकारात्मक सोच के साथ कार्य करने के लिए प्रेरित किया गया।
प्रांतीय संगठन सचिव श्री शशि भूतङा जी, द्वारा संगठन और कार्यकर्ता पर अपना विषय रखा। उनहोंने संख्या और आंकड़ों के माध्यम से संगठन के बारे में विस्तार से बताया।
हमारा संगठन चार स्तरीय है-केंद्र, क्षेत्र, प्रांत और सबसे अहम और महत्वपूर्ण कङी/ईकाई शाखा है।
क्षेत्र-17
प्रांत-56
कुल शाखाएं(31.3.15 तक)-1244
सबसे अधिक जोन 1 में 207 शाखाएं हैं और हमारा जोन 100 शाखाओं के साथ पांचवें स्थान है।पंजाब उत्तर में सबसे अधिक 86 शाखाएं हैं और मेरठ जिले में सबसे अधिक 39 शाखाएं हैं।हमारा प्रांत शाखाओं की दृष्टिकोण से 11 वें स्थान पर है।
यहाँ सबसे अधिक के बारे में बताया इसलिए कि लक्ष्य भी हमें बङा ही रखना है। अभी प्राप्त करने के लिए अनेक लक्ष्य हैं।
उन्होंने उदाहरण के द्वारा बताया कि पंजाब के छोटे छोटे गांवों में 50-50 सदस्यों वाली शाखाएं हैं, हम भी प्रयास करें।
यह हमारे ऊपर प्रभु कृपा ही है कि हमें ईश्वर ने राष्ट्र और समाज का काम करने का अवसर प्रदान किया।प्रत्येक कार्यकर्ता अहम है, उन्होंने कार्यकर्ताओं की क्रियाशीलता के अनुरूप कार्यकर्ताओं का वर्गीकरण किया।हर दायित्व अहम है, यह हमारा सौभाग्य है कि हमें संगठन में काम करने का अवसर प्राप्त हुआ।हमें हमारे प्रयासों में कोई कमी नहीं रखनी है और निराश नहीं होना है।
कार्यशाला में सभी शाखाओं से आग्रह किया गया -
1. मासिक प्रतिवेदन प्रत्येक माह की 10 तारीख तक भिजवायें।
2. अपनी आय व्यय को आवश्यक रूप से ऑडिट करवायें।
3. शाखाएं अपने यहाँ एक ऐसे कार्यकर्ता को चिन्हित कर, दायित्व सौपें जो computer की जानकारी रखता हो और email account हो।
कहने का अर्थ यह है कि आज technology का युग है और हम भी technology का भरपूर उपयोग लें।
प्रांत paper less काम चाहता है।
4. कुछ संगठन से संबंधित प्रश्न सभी कार्यकर्ताओं के समक्ष रखे गए।
उपलब्धी-
नोहर शाखा के सदस्यों को संगठन के बारे बहुत सी नयी जानकारियाँ प्राप्त हुई और शाखा के प्रयासों और इस कार्यशाला की प्रेरणा से संभवतः भादरा और रावतसर दो नयी शाखाएं खुल जाएँ और ऐसा होता है तो नोहर कार्यशाला का आयोजन सफल हो जाएगा।
अक्सर ऐसा देखा गया है जैसे जैसे भोजन का वक्त होता है वैसे वैसे कार्यशाला में वक्ता बोलता है और श्रोता सोता है।
लेकिन इस कार्यशाला की यह भी उपलब्धी रही कि हमारे सभी के सभी कार्यकर्ता कार्यशाला समापन तक उसी ऊर्जा के साथ सुन रहे थे जैसा कि कार्यशाला के आरंभ में।
कार्यक्रम के अंत में शाखा द्वारा प्रेस कांफ्रेंस का आयोजन किया गया, जिसमे दैनिक भास्कर, तेज समाचार व् अनेक समाचार से संवादाता आये थे। इस प्रेस कांफ्रेंस को जोन दस अध्यक्ष श्री घनश्याम शर्मा जी, प्रांतीय महासचिव श्री विनोद आढ़ा, संगठन सचिव श्री शशि भूतड़ा व् हनुमानगढ़ जिलाअध्यक्ष श्री राजू सरावगी द्वारा संबोधित किया गया ।
प्रांत में करने को बहुत कुछ है, सबका थोड़ा थोड़ा साथ मिले तो हम सब मिलके संगठन को नयी ऊँचाई तक ले जा सकते हैं।
"आवो हम सब साथ चलें।"
धन्यवाद
विनोद आढा,
प्रांतीय महासचिव,
राजस्थान उत्तर प्रांत
हनुमानगढ़ जिले की कार्यशाला का आयोजन नोहर शाखा द्वारा दिनांक 5 जुलाई, रविवार को किया गया।
नोहर शाखा की सदस्य संख्या 25 है और कार्यशाला में शाखा के 15 कार्यकर्ताओं ने सेवाएं दी, उनकी उपस्थिति रही।
सभी शाखाओं द्वारा प्रांत के द्वारा उपलब्ध प्रारूप में शाखा प्रतिवेदन प्रस्तुत किया गया।
जिला अध्यक्ष श्री राजु सरावगी द्वारा जिले का प्रतिवेदन प्रस्तुत किया गया।
हनुमानगढ़ जिले की कार्यशाला रिपोर्ट-
कुल सदस्यों की उपस्थिति-27
जिले में कुल शाखाएं-7
कार्यशाला में उपस्थित शाखाएं-4(हनुमानगढ़ नगर ईकाई, हनुमानगढ़ भटनेर, संगरिया, नोहर)
अनुपस्थित शाखाएं-3(पीलीबंगा, हनुमानगढ़ संगम, टिब्बी)
कार्यशाला में प्रांतीय सहसचिव श्री दीनबंधु शर्मा (जैतसर शाखा से) और
श्री श्याम सुंदर चांडक जी, प्रांतीय वनवासी प्रकल्प प्रभारी की भी उपस्थिति रही।
इसके अतिरिक्त रावतसर से एक कार्यकर्ता श्री महावीर जी कार्यक्रम में उपस्थित थे
विकास मित्र-
हनुमानगढ़ जिले में केवल 2 विकास मित्र है।
विकास मित्रों की संख्या में वृद्धि करने का संकल्प सदन द्वारा लिया गया। यह संख्या 100 तक ले जाने का संकल्प हुआ।
प्रांत में विकास मित्रों की संख्या बढाने पर बल दिया गया।
विकास रत्न
प्रांत में केवल दो ही विकास रत्न हैं और दोनों गंगानगर जिले से।
हनुमानगढ़ जिले से एक विकास रत्न हो, ऐसा प्रयास करने का संकल्प भी लिया गया।
प्रांतीय संगठन सचिव श्री शशि भूतङा जी ने प्रांत के आय व्यय का ब्यौरा रखा और शाखाओं से आग्रह किया कि शाखाएं अपनी आय व्यय को अनिवार्य रूप से ऑडिट करवाये।आय व्यय का रिकार्ड दुरूस्त रखने के महत्व को समझाया।
प्रांतीय कार्यशाला प्रकल्प प्रभारी श्री रामनिवास मांडण जी ने अपने प्रकल्प की जानकारी दी।
डीडवाना कार्यशाला में श्री युधिष्ठिर त्रिवेदी जी ( राष्ट्रीय उपाध्यक्ष वनवासी सहायता प्रकल्प)
के प्रकल्प की जानकारी को मैंने सबसे साझा किया।
इसलिए हमारे वनवासी प्रकल्प के लिए अधिक से अधिक आर्थिक सहयोग करने का प्रयास करें।
हनुमानगढ़ नगर ईकाई शाखा और नोहर शाखा द्वारा भी अच्छा आर्थिक सहयोग करने का संकल्प लिया, अच्छा लगा।
डीडवाना शाखा से प्रेरित हो कर प्रांत भी इस प्रकल्प के लिए अधिक से अधिक आर्थिक सहयोग करवाने का प्रयास करेगा।
स्वच्छता प्रकल्प
के बारे में मैंने मोहर सिंह जी, के अनुभव सबसे साझा किए।जिन्होंने बीकानेर शहर को साफ और सुँदर बनाने का संकल्प लिया है।
उनके इस स्वच्छता प्रकल्प के कार्य को समझाया।
जोन दस के क्षेत्रीय अध्यक्ष श्री घनश्याम शर्मा जी द्वारा परिषद् के सेवा कार्यों व संस्कार प्रकल्पों के बारे में विस्तार से बताया गया।
सेवा के प्रकल्प "सरल सामुहिक विवाह" का कार्य हमारे प्रांत में बहुत अच्छा हो रहा है।
हमारी चार शाखाएं - घङसाना, अनुपगढ, जैतसर और श्री विजयनगर शाखा द्वारा यह कार्यक्रम वर्षों से करवाया जा रहा है, इस प्रकल्प ने शाखाओं को क्षेत्र में विशिष्ट पहचान दी है। ऐसा ही कोई सेवा प्रकल्प अन्य शाखाएं भी अपने क्षेत्र में करवायें।
इसके साथ ग्राम बस्ती विकास, विकलांग सहायता और वनवासी सहायता के कार्यक्रमों के बारे में सदन को बताया गया।
उन्होंने राष्ट्रीय संस्कार प्रकल्प, गुरु वंदन छात्र अभिनंदन, भारत को जानो, संस्कृति सप्ताह तथा राष्ट्रीय समूह गान प्रतियोगिता के बारे में बताया और आपसी चर्चा के माध्यम से सबको समझाया।
**राष्ट्रीय समूह गान प्रतियोगिता में इस वर्ष किए गए परिवर्तन के बारे में भी शाखाओं को बताया गया।
भाई साहब द्वारा सभी को सकारात्मक सोच के साथ कार्य करने के लिए प्रेरित किया गया।
प्रांतीय संगठन सचिव श्री शशि भूतङा जी, द्वारा संगठन और कार्यकर्ता पर अपना विषय रखा। उनहोंने संख्या और आंकड़ों के माध्यम से संगठन के बारे में विस्तार से बताया।
हमारा संगठन चार स्तरीय है-केंद्र, क्षेत्र, प्रांत और सबसे अहम और महत्वपूर्ण कङी/ईकाई शाखा है।
क्षेत्र-17
प्रांत-56
कुल शाखाएं(31.3.15 तक)-1244
सबसे अधिक जोन 1 में 207 शाखाएं हैं और हमारा जोन 100 शाखाओं के साथ पांचवें स्थान है।पंजाब उत्तर में सबसे अधिक 86 शाखाएं हैं और मेरठ जिले में सबसे अधिक 39 शाखाएं हैं।हमारा प्रांत शाखाओं की दृष्टिकोण से 11 वें स्थान पर है।
यहाँ सबसे अधिक के बारे में बताया इसलिए कि लक्ष्य भी हमें बङा ही रखना है। अभी प्राप्त करने के लिए अनेक लक्ष्य हैं।
उन्होंने उदाहरण के द्वारा बताया कि पंजाब के छोटे छोटे गांवों में 50-50 सदस्यों वाली शाखाएं हैं, हम भी प्रयास करें।
यह हमारे ऊपर प्रभु कृपा ही है कि हमें ईश्वर ने राष्ट्र और समाज का काम करने का अवसर प्रदान किया।प्रत्येक कार्यकर्ता अहम है, उन्होंने कार्यकर्ताओं की क्रियाशीलता के अनुरूप कार्यकर्ताओं का वर्गीकरण किया।हर दायित्व अहम है, यह हमारा सौभाग्य है कि हमें संगठन में काम करने का अवसर प्राप्त हुआ।हमें हमारे प्रयासों में कोई कमी नहीं रखनी है और निराश नहीं होना है।
कार्यशाला में सभी शाखाओं से आग्रह किया गया -
1. मासिक प्रतिवेदन प्रत्येक माह की 10 तारीख तक भिजवायें।
2. अपनी आय व्यय को आवश्यक रूप से ऑडिट करवायें।
3. शाखाएं अपने यहाँ एक ऐसे कार्यकर्ता को चिन्हित कर, दायित्व सौपें जो computer की जानकारी रखता हो और email account हो।
कहने का अर्थ यह है कि आज technology का युग है और हम भी technology का भरपूर उपयोग लें।
प्रांत paper less काम चाहता है।
4. कुछ संगठन से संबंधित प्रश्न सभी कार्यकर्ताओं के समक्ष रखे गए।
उपलब्धी-
नोहर शाखा के सदस्यों को संगठन के बारे बहुत सी नयी जानकारियाँ प्राप्त हुई और शाखा के प्रयासों और इस कार्यशाला की प्रेरणा से संभवतः भादरा और रावतसर दो नयी शाखाएं खुल जाएँ और ऐसा होता है तो नोहर कार्यशाला का आयोजन सफल हो जाएगा।
अक्सर ऐसा देखा गया है जैसे जैसे भोजन का वक्त होता है वैसे वैसे कार्यशाला में वक्ता बोलता है और श्रोता सोता है।
लेकिन इस कार्यशाला की यह भी उपलब्धी रही कि हमारे सभी के सभी कार्यकर्ता कार्यशाला समापन तक उसी ऊर्जा के साथ सुन रहे थे जैसा कि कार्यशाला के आरंभ में।
कार्यक्रम के अंत में शाखा द्वारा प्रेस कांफ्रेंस का आयोजन किया गया, जिसमे दैनिक भास्कर, तेज समाचार व् अनेक समाचार से संवादाता आये थे। इस प्रेस कांफ्रेंस को जोन दस अध्यक्ष श्री घनश्याम शर्मा जी, प्रांतीय महासचिव श्री विनोद आढ़ा, संगठन सचिव श्री शशि भूतड़ा व् हनुमानगढ़ जिलाअध्यक्ष श्री राजू सरावगी द्वारा संबोधित किया गया ।
प्रांत में करने को बहुत कुछ है, सबका थोड़ा थोड़ा साथ मिले तो हम सब मिलके संगठन को नयी ऊँचाई तक ले जा सकते हैं।
"आवो हम सब साथ चलें।"
धन्यवाद
विनोद आढा,
प्रांतीय महासचिव,
राजस्थान उत्तर प्रांत
हनुमानगढ़ जिला कार्यशाला, नोहर की तस्वीरें
रिपोर्ट-
बीकानेर व नागौर शाखा जिले की कार्यशाला का आयोजन डीडवाना शाखा द्वारा 28 जून को किया गया।
बीकानेर जिले की कार्यशाला रिपोर्ट-
कुल सदस्यों की उपस्थित-9
कुल शाखाएं-4
उपस्थित शाखाएं-2(बीकानेर मुख्य और बीकानेर नगर)
अनुपस्थित शाखाएं-2(मुक्ता प्रसाद व अरजनसर)
नागौर जिले की कार्यशाला रिपोर्ट-
कुल उपस्थित-53
कुल शाखाएं-8
उपस्थित शाखाएं-6(नागौर,डीडवाना, लाडनुं, मकराना, जायल,कुचामन)
अनुपस्थित शाखाएं-2(डैगाना,परबतसर)
सभी शाखाओं द्वारा प्रांत के द्वारा उपलब्ध प्रारूप में शाखा प्रतिवेदन प्रस्तुत किया गया।
जिला अध्यक्षों द्वारा जिले का प्रतिवेदन प्रस्तुत किया गया।
विकास मित्र-
बीकानेर जिले में केवल 7 विकास मित्र है।
नागौर जिले में 22 विकास मित्र हैं। गत दो वर्षों में इस सूची में कोई वृद्धि नहीं हूई।
विकास मित्रों की संख्या में वृद्धि करने का संकल्प सदन द्वारा लिया गया। यह संख्या 100 तक ले जाने का संकल्प हुआ।
प्रांत में विकास मित्रों की संख्या बढाने पर बल दिया गया।
अभी यह संख्या 62 है।
इस सत्र में श्री करणपुर शाखा से दो विकास मित्र बने हैं और एक विकास मित्र सूरतगढ़ से बन रहे हैं।
वर्तमान में कुल विकास मित्रों की संख्या 63 होगी।
विकास रत्न
प्रांत में दो विकास रत्न हैं और दोनों गंगानगर जिले से।
प्रत्येक जिले से एक एक विकास रत्न हो, ऐसा प्रयास करने का संकल्प भी लिया गया।
प्रांतीय कोषाध्यक्ष श्री गणेश गुप्ता जी ने प्रांत के आय व्यय का ब्यौरा रखा और शाखाओं से आग्रह किया कि शाखाएं अपनी आय व्यय को अनिवार्य रूप से आडिट करवाये।
प्रांतीय सहसचिव श्री रामनिवास जांगिड जी ने "गुरू वंदन छात्र अभिनंदन" प्रकल्प की जानकारी दी।
नागौर जिला सचिव श्री रमेश छापरवाल जी ने "संस्कृति सप्ताह" की जानकारी दी। मकराना शाखा इस कार्यक्रम को उत्सव की तरह मनाती है।
श्री युधिष्ठिर त्रिवेदी जी ( राष्ट्रीय उपाध्यक्ष वनवासी सहायता प्रकल्प)
का मार्गदर्शन प्रेरणादायी रहा।
वो वनवासी बंधुओं के मध्य रहे हैं, उनके हालात क्या हैं ये उन्होंने बताया।अपने अनुभव उन्होंने सदन को बताये तो भावुक कर दिया।
हमारे देश में ये वो स्थान हैं, जोकि हमारे होते हूए भी हमारे नहीं हैं, ऐसा क्यों इसका हल भी हमारी जैसी संस्थाओं को ही निकालना होगा। जिसमें तन और मन के साथ अर्थ की महत्ती भूमिका हो जाती है।हम समय नहीं दे सकते तो धन तो दे सकते है, हमारे कार्यकर्ता बंधु जो वनवासी क्षेत्रों में काम कर रहे हैं, उनका मनोबल बढेगा।
इसलिए हमारे वनवासी प्रकल्प के लिए अधिक से अधिक आर्थिक सहयोग करने का प्रयास करें।
हमारी सभी शाखाएं एक वनवासी प्रकल्प प्रभारी अवश्य बनाएं और प्रत्येक सदस्य से 100/- का अंश दान लें, तो प्रांत से 1 लाख का सहयोग हो जाता है।यह जरूरी नहीं की हम परिषद् सदस्यों से ही सहयोग लें, यह सहयोग आप परिषद् सदस्यों के अतिरिक्त भी ले सकते हैं।
सभी से आग्रह कि-
आप जो भी आर्थिक सहयोग इस प्रकल्प के लिए करें, वह कृपया प्रांत के माध्यम से ही करें। एक संकल्प, जिसने इस प्रकल्प के लिए सबको प्रेरित किया -
डीडवाना शाखा द्वारा युधिष्ठिर जी के उद्बोधन के बाद 1 लाख का सहयोग करने का संकल्प किया।
शाखा द्वारा इतना बङा निर्णय और इतनी जल्दी,साधारणतया असंभव, यह पहचान है एक सुदृढ़ शाखा की, कार्यकर्ताओं के मध्य एक आपसी समझ की, सकारात्मक सोच की, सेवा के भाव की, आपसी विश्वास की। डीडवाना शाखा से प्रेरित हो कर प्रांत भी इस प्रकल्प के लिए अधिक से अधिक आर्थिक सहयोग करवाने का प्रयास करेगा।
प्रांत में हमारे वनवासी प्रकल्प प्रभारी श्री श्याम सुंदर चांडक जी(गंगानगर प्रताप) हैं।
यहाँ मैं एक बात और कहना चाहता हूँ कि प्रांत एक यात्रा/कार्यक्रम वनवासी क्षेत्रों में रखना चाहता, आपकी क्या राय है।
उपलब्धी-
यह इस कार्यशाला की एक बहुत उपलब्धी रही।
युधिष्ठिर जी भी बहुत प्रसन्न हुए उन्होंने बताया कि मेरी 17 घंटे की यात्रा और 20 मिनट का उद्बोधन सफल हो गया।
मैं इस कार्यशाला से बहुत कुछ लेकर जा रहा हूँ।
मोहर सिंह जी, एक नाम जो आज प्रांत एक अपनी विशिष्ट पहचान रखते हैं।
जिन्होंने बीकानेर शहर को साफ और सुँदर बनाने का संकल्प लिया है। उनको भी प्रांत ने अपने अनुभवों को कार्यशाला में सभी के साथ साझा करने का अवसर दिया।
उन्होंने एक आडियो विडियो clipping के साथ अपने द्वारा किए जा रहे स्वच्छता प्रकल्प के कार्य को समझाया।
उन्होंने सबका आह्वान किया कि सप्ताह में
एक दिन
एक घंटा हम पयार्वरण को, समाज को, राष्ट्र को अवश्य दें।
हम बहुत कुछ बदल देंगें।
हमारे प्रांत से राष्ट्रीय मंत्री श्री त्रिभुवन शर्मा जी का उद्बोधन सदा की भांति प्रेरणादायी रहा। उन्होंने "संगठन और कार्यकर्ता" पर अपनी बात रखी।आपने अपना उदाहरण देकर बताया कि हम स्वंय को परिषद् के कार्यों को जीवन का एक हिस्सा बना लें।
प्रांतीय अध्यक्ष श्री नृत्य गोपाल जी ने अपनी ओजस्वी वाणी से सभी कार्यकर्ताओं का आह्वान किया कार्यशाला से हम सब एक संकल्प अवश्य लेकर जावें।
शाखा विस्तार का कार्य तहसील स्तर तक लें जाने का संकल्प लिया गया।
डीडवाना शाखा के "शीतल जल योजना" प्रकल्प ने संगठन को अपने क्षेत्र में एक विशिष्ट पहचान दी है, अनेक लोग और संगठन इससे जुड़े हैं।स्वयं सेवा कार्य से जुड़े हैं हमारे कार्यकर्ता, सबके लिए प्रेरणा है।
कार्यशाला में सभी शाखाओं से आग्रह किया गया -
1. मासिक प्रतिवेदन प्रत्येक माह की 10 तारीख तक भिजवायें।
2. अपनी आय व्यय को आवश्यक रूप से आडिट करवायें।
3. शाखाएं अपने यहाँ एक ऐसे कार्यकर्ता को चिन्हित कर, दायित्व सौपें जो computer की जानकारी रखता हो और email account हो।
कहने का अर्थ यह है कि आज technology का युग है और हम भी technology का भरपूर उपयोग लें।
प्रांत paper less काम चाहता है।
4. कुछ संगठन से संबंधित प्रश्न सभी कार्यकर्ताओं के समक्ष रखे गए।
प्रांत में करने को बहुत कुछ है, सबका थोड़ा थोड़ा साथ मिले तो हम सब मिलके संगठन को नयी ऊँचाई तक ले जा सकते हैं।
"आवो हम सब साथ चलें।"
विनोद आढा,
प्रांतीय महासचिव
राजस्थान उत्तर प्रांत
बीकानेर व नागौर शाखा जिले की कार्यशाला का आयोजन डीडवाना शाखा द्वारा 28 जून को किया गया।
बीकानेर जिले की कार्यशाला रिपोर्ट-
कुल सदस्यों की उपस्थित-9
कुल शाखाएं-4
उपस्थित शाखाएं-2(बीकानेर मुख्य और बीकानेर नगर)
अनुपस्थित शाखाएं-2(मुक्ता प्रसाद व अरजनसर)
नागौर जिले की कार्यशाला रिपोर्ट-
कुल उपस्थित-53
कुल शाखाएं-8
उपस्थित शाखाएं-6(नागौर,डीडवाना, लाडनुं, मकराना, जायल,कुचामन)
अनुपस्थित शाखाएं-2(डैगाना,परबतसर)
सभी शाखाओं द्वारा प्रांत के द्वारा उपलब्ध प्रारूप में शाखा प्रतिवेदन प्रस्तुत किया गया।
जिला अध्यक्षों द्वारा जिले का प्रतिवेदन प्रस्तुत किया गया।
विकास मित्र-
बीकानेर जिले में केवल 7 विकास मित्र है।
नागौर जिले में 22 विकास मित्र हैं। गत दो वर्षों में इस सूची में कोई वृद्धि नहीं हूई।
विकास मित्रों की संख्या में वृद्धि करने का संकल्प सदन द्वारा लिया गया। यह संख्या 100 तक ले जाने का संकल्प हुआ।
प्रांत में विकास मित्रों की संख्या बढाने पर बल दिया गया।
अभी यह संख्या 62 है।
इस सत्र में श्री करणपुर शाखा से दो विकास मित्र बने हैं और एक विकास मित्र सूरतगढ़ से बन रहे हैं।
वर्तमान में कुल विकास मित्रों की संख्या 63 होगी।
विकास रत्न
प्रांत में दो विकास रत्न हैं और दोनों गंगानगर जिले से।
प्रत्येक जिले से एक एक विकास रत्न हो, ऐसा प्रयास करने का संकल्प भी लिया गया।
प्रांतीय कोषाध्यक्ष श्री गणेश गुप्ता जी ने प्रांत के आय व्यय का ब्यौरा रखा और शाखाओं से आग्रह किया कि शाखाएं अपनी आय व्यय को अनिवार्य रूप से आडिट करवाये।
प्रांतीय सहसचिव श्री रामनिवास जांगिड जी ने "गुरू वंदन छात्र अभिनंदन" प्रकल्प की जानकारी दी।
नागौर जिला सचिव श्री रमेश छापरवाल जी ने "संस्कृति सप्ताह" की जानकारी दी। मकराना शाखा इस कार्यक्रम को उत्सव की तरह मनाती है।
श्री युधिष्ठिर त्रिवेदी जी ( राष्ट्रीय उपाध्यक्ष वनवासी सहायता प्रकल्प)
का मार्गदर्शन प्रेरणादायी रहा।
वो वनवासी बंधुओं के मध्य रहे हैं, उनके हालात क्या हैं ये उन्होंने बताया।अपने अनुभव उन्होंने सदन को बताये तो भावुक कर दिया।
हमारे देश में ये वो स्थान हैं, जोकि हमारे होते हूए भी हमारे नहीं हैं, ऐसा क्यों इसका हल भी हमारी जैसी संस्थाओं को ही निकालना होगा। जिसमें तन और मन के साथ अर्थ की महत्ती भूमिका हो जाती है।हम समय नहीं दे सकते तो धन तो दे सकते है, हमारे कार्यकर्ता बंधु जो वनवासी क्षेत्रों में काम कर रहे हैं, उनका मनोबल बढेगा।
इसलिए हमारे वनवासी प्रकल्प के लिए अधिक से अधिक आर्थिक सहयोग करने का प्रयास करें।
हमारी सभी शाखाएं एक वनवासी प्रकल्प प्रभारी अवश्य बनाएं और प्रत्येक सदस्य से 100/- का अंश दान लें, तो प्रांत से 1 लाख का सहयोग हो जाता है।यह जरूरी नहीं की हम परिषद् सदस्यों से ही सहयोग लें, यह सहयोग आप परिषद् सदस्यों के अतिरिक्त भी ले सकते हैं।
सभी से आग्रह कि-
आप जो भी आर्थिक सहयोग इस प्रकल्प के लिए करें, वह कृपया प्रांत के माध्यम से ही करें। एक संकल्प, जिसने इस प्रकल्प के लिए सबको प्रेरित किया -
डीडवाना शाखा द्वारा युधिष्ठिर जी के उद्बोधन के बाद 1 लाख का सहयोग करने का संकल्प किया।
शाखा द्वारा इतना बङा निर्णय और इतनी जल्दी,साधारणतया असंभव, यह पहचान है एक सुदृढ़ शाखा की, कार्यकर्ताओं के मध्य एक आपसी समझ की, सकारात्मक सोच की, सेवा के भाव की, आपसी विश्वास की। डीडवाना शाखा से प्रेरित हो कर प्रांत भी इस प्रकल्प के लिए अधिक से अधिक आर्थिक सहयोग करवाने का प्रयास करेगा।
प्रांत में हमारे वनवासी प्रकल्प प्रभारी श्री श्याम सुंदर चांडक जी(गंगानगर प्रताप) हैं।
यहाँ मैं एक बात और कहना चाहता हूँ कि प्रांत एक यात्रा/कार्यक्रम वनवासी क्षेत्रों में रखना चाहता, आपकी क्या राय है।
उपलब्धी-
यह इस कार्यशाला की एक बहुत उपलब्धी रही।
युधिष्ठिर जी भी बहुत प्रसन्न हुए उन्होंने बताया कि मेरी 17 घंटे की यात्रा और 20 मिनट का उद्बोधन सफल हो गया।
मैं इस कार्यशाला से बहुत कुछ लेकर जा रहा हूँ।
मोहर सिंह जी, एक नाम जो आज प्रांत एक अपनी विशिष्ट पहचान रखते हैं।
जिन्होंने बीकानेर शहर को साफ और सुँदर बनाने का संकल्प लिया है। उनको भी प्रांत ने अपने अनुभवों को कार्यशाला में सभी के साथ साझा करने का अवसर दिया।
उन्होंने एक आडियो विडियो clipping के साथ अपने द्वारा किए जा रहे स्वच्छता प्रकल्प के कार्य को समझाया।
उन्होंने सबका आह्वान किया कि सप्ताह में
एक दिन
एक घंटा हम पयार्वरण को, समाज को, राष्ट्र को अवश्य दें।
हम बहुत कुछ बदल देंगें।
हमारे प्रांत से राष्ट्रीय मंत्री श्री त्रिभुवन शर्मा जी का उद्बोधन सदा की भांति प्रेरणादायी रहा। उन्होंने "संगठन और कार्यकर्ता" पर अपनी बात रखी।आपने अपना उदाहरण देकर बताया कि हम स्वंय को परिषद् के कार्यों को जीवन का एक हिस्सा बना लें।
प्रांतीय अध्यक्ष श्री नृत्य गोपाल जी ने अपनी ओजस्वी वाणी से सभी कार्यकर्ताओं का आह्वान किया कार्यशाला से हम सब एक संकल्प अवश्य लेकर जावें।
शाखा विस्तार का कार्य तहसील स्तर तक लें जाने का संकल्प लिया गया।
डीडवाना शाखा के "शीतल जल योजना" प्रकल्प ने संगठन को अपने क्षेत्र में एक विशिष्ट पहचान दी है, अनेक लोग और संगठन इससे जुड़े हैं।स्वयं सेवा कार्य से जुड़े हैं हमारे कार्यकर्ता, सबके लिए प्रेरणा है।
कार्यशाला में सभी शाखाओं से आग्रह किया गया -
1. मासिक प्रतिवेदन प्रत्येक माह की 10 तारीख तक भिजवायें।
2. अपनी आय व्यय को आवश्यक रूप से आडिट करवायें।
3. शाखाएं अपने यहाँ एक ऐसे कार्यकर्ता को चिन्हित कर, दायित्व सौपें जो computer की जानकारी रखता हो और email account हो।
कहने का अर्थ यह है कि आज technology का युग है और हम भी technology का भरपूर उपयोग लें।
प्रांत paper less काम चाहता है।
4. कुछ संगठन से संबंधित प्रश्न सभी कार्यकर्ताओं के समक्ष रखे गए।
प्रांत में करने को बहुत कुछ है, सबका थोड़ा थोड़ा साथ मिले तो हम सब मिलके संगठन को नयी ऊँचाई तक ले जा सकते हैं।
"आवो हम सब साथ चलें।"
विनोद आढा,
प्रांतीय महासचिव
राजस्थान उत्तर प्रांत
बीकानेर व नागौर जिला कार्यशाला, डीडवाना की तस्वीरें