सेवा प्रकल्प पर अधिक जानकारी हेतु नीचे दिये गये विकल्पों पर देखें -
ग्राम/बस्ती विकास योजना
![]()
|
![]()
|
![]()
|
![]()
|
![]()
|
![]()
|
पर्यावरण
![]()
|
![]()
|
![]()
|
![]()
|
![]()
|
![]()
|
![]()
|
वर्ष : 2015-16
विकलांग सहायता
19.07.15-गजसिंहपुर-41 RB के हर प्रभ आसरा(आश्रम जिसमें 280 मानसिक और हमारे विकलांग बंधुओं का पालन होता है) में शाखा कार्यकर्ताओं ने राशन, कपड़े, मिठाई का वितरण किया।
14.06.15-सादुलशहर--शाखा दायित्वग्रहण समारोह में तीन विकलांग बंधुओं को tricycle भेंट की।
16.05.15-पदमपुर--अपने दायित्वग्रहण समारोह में तीन विकलांग बंधुओं को tricycle भेंट की।
14.06.15-सादुलशहर--शाखा दायित्वग्रहण समारोह में तीन विकलांग बंधुओं को tricycle भेंट की।
16.05.15-पदमपुर--अपने दायित्वग्रहण समारोह में तीन विकलांग बंधुओं को tricycle भेंट की।
वनवासी सहायता
हमारे प्रांतीय वनवासी सहायता प्रकल्प प्रभारी और विकास रत्न श्री श्याम सुंदर चांडक जी को और हमारी गंगानगर प्रताप शाखा को साधुवाद, आपके प्रयासों से प्रांत की ओर से इस प्रकल्प में हमारे वनवासी बंधुओं के लिए एक अच्छा सहयोग किया गया, अन्य शाखाओं से भी आग्रह है कि वनवासी प्रकल्प के लिए अधिक से अधिक आर्थिक सहयोग करें, आप यह सहयोग परिषद् सदस्यों के अतिरिक्त भी ले सकते हैं।
हमारे वनवासी सहायता प्रकल्प के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष श्री युधिष्ठिर त्रिवेदी जी का अभी अभी संदेश व फोन प्राप्त हुआ।
उन्होंने वनवासी सहायता के लिए 21000/- का सहयोग करने के लिए प्रांत का आभार प्रकट किया है और हमारे
प्रांतीय वनवासी प्रकल्प प्रभारी श्री श्याम सुंदर चांडक के व्यक्तिगत प्रयासों की और गंगानगर प्रताप शाखा की सराहना की, सभी शाखाओं से ऐसे प्रयास करने का आग्रह किया। और वो इस दिवाली का त्यौहार हमारे वनवासी बंधुओं के मध्य मनायेंगे।
डीडवाना कार्यशाला में श्री युधिष्ठिर त्रिवेदी जी ( राष्ट्रीय उपाध्यक्ष वनवासी सहायता प्रकल्प) का सानिध्य प्राप्त हुआ था। उन्होंने वनवासी प्रकल्प की जानकारी दी, मार्गदर्शन दिया। वो वनवासी बंधुओं के मध्य रहे हैं, उनके हालात के बारे में वे जानते हैं। देश में अनेक ऐसे आदिवासी/वनवासी स्थान हैं, जहाँ दिवाली को "हिन्दू क्रिसमस" के रूप में जाना जाता है। हमारे देश में वनवासी क्षेत्र वो स्थान हैं, जोकि हमारे होते हूए भी हमारे नहीं हैं, ऐसा क्यों इसका हल भी हमारी जैसी संस्थाओं को ही निकालना होगा। जिसमें तन और मन के साथ अर्थ की महत्ती भूमिका हो जाती है।हम समय नहीं दे सकते तो धन तो दे सकते है, हमारे कार्यकर्ता बंधु जो वनवासी क्षेत्रों में काम कर रहे हैं, उनका मनोबल बढेगा। इसलिए हमारे वनवासी प्रकल्प के लिए अधिक से अधिक आर्थिक सहयोग करने का प्रयास करें।
हमारी सभी शाखाएं एक वनवासी प्रकल्प प्रभारी अवश्य बनाएं और प्रत्येक सदस्य से 100/- का अंश दान लें, तो प्रांत से 1 लाख का सहयोग हो जाता है।यह जरूरी नहीं की हम परिषद् सदस्यों से ही सहयोग लें, यह सहयोग आप परिषद् सदस्यों के अतिरिक्त भी ले सकते हैं।
सभी से आग्रह कि आप जो भी आर्थिक सहयोग इस प्रकल्प के लिए करें, वह कृपया प्रांत के माध्यम से ही करें।
क्या प्रांत इस प्रकल्प के अंतर्गत अन्य शाखाओं से आर्थिक सहयोग की अपेक्षा कर सकता है, यह सहयोग आप व्यक्तिगत कर सकते हैं, शाखा कर सकती है और परिषद् के सदस्यों के अतिरिक्त अन्य किसी से भी एकत्रित कर सकते, लेकिन करें अवश्य
मैं, यहाँ ग्रुप में हमारे सभी साथियों को बताना चाहूँगा कि विकास रत्न श्री श्याम सुंदर चांडक जी ने 21000/- का सहयोग अपने व्यक्तिगत प्रयासों से किया है, इस सहयोग के लिए उन्होंने-
कुछ धन शाखा से लिया, कुछ शाखा सदस्यों से लिया, कुछ अपने परिवार/रिश्तेदारों से लिया, कुछ अपने मित्रों से लिया और काफी कुछ हमेशा की अपनी तरफ से किया। और ऐसे कुछ कुछ बहुत कुछ हो गया।
आपका प्रयास काफी प्रेरणादायक है। प्रांत आपको नमन करता है और साधुवाद आपको
हमारे प्रांतीय वनवासी सहायता प्रकल्प प्रभारी और विकास रत्न श्री श्याम सुंदर चांडक जी को और हमारी गंगानगर प्रताप शाखा को साधुवाद, आपके प्रयासों से प्रांत की ओर से इस प्रकल्प में हमारे वनवासी बंधुओं के लिए एक अच्छा सहयोग किया गया, अन्य शाखाओं से भी आग्रह है कि वनवासी प्रकल्प के लिए अधिक से अधिक आर्थिक सहयोग करें, आप यह सहयोग परिषद् सदस्यों के अतिरिक्त भी ले सकते हैं।
हमारे वनवासी सहायता प्रकल्प के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष श्री युधिष्ठिर त्रिवेदी जी का अभी अभी संदेश व फोन प्राप्त हुआ।
उन्होंने वनवासी सहायता के लिए 21000/- का सहयोग करने के लिए प्रांत का आभार प्रकट किया है और हमारे
प्रांतीय वनवासी प्रकल्प प्रभारी श्री श्याम सुंदर चांडक के व्यक्तिगत प्रयासों की और गंगानगर प्रताप शाखा की सराहना की, सभी शाखाओं से ऐसे प्रयास करने का आग्रह किया। और वो इस दिवाली का त्यौहार हमारे वनवासी बंधुओं के मध्य मनायेंगे।
डीडवाना कार्यशाला में श्री युधिष्ठिर त्रिवेदी जी ( राष्ट्रीय उपाध्यक्ष वनवासी सहायता प्रकल्प) का सानिध्य प्राप्त हुआ था। उन्होंने वनवासी प्रकल्प की जानकारी दी, मार्गदर्शन दिया। वो वनवासी बंधुओं के मध्य रहे हैं, उनके हालात के बारे में वे जानते हैं। देश में अनेक ऐसे आदिवासी/वनवासी स्थान हैं, जहाँ दिवाली को "हिन्दू क्रिसमस" के रूप में जाना जाता है। हमारे देश में वनवासी क्षेत्र वो स्थान हैं, जोकि हमारे होते हूए भी हमारे नहीं हैं, ऐसा क्यों इसका हल भी हमारी जैसी संस्थाओं को ही निकालना होगा। जिसमें तन और मन के साथ अर्थ की महत्ती भूमिका हो जाती है।हम समय नहीं दे सकते तो धन तो दे सकते है, हमारे कार्यकर्ता बंधु जो वनवासी क्षेत्रों में काम कर रहे हैं, उनका मनोबल बढेगा। इसलिए हमारे वनवासी प्रकल्प के लिए अधिक से अधिक आर्थिक सहयोग करने का प्रयास करें।
हमारी सभी शाखाएं एक वनवासी प्रकल्प प्रभारी अवश्य बनाएं और प्रत्येक सदस्य से 100/- का अंश दान लें, तो प्रांत से 1 लाख का सहयोग हो जाता है।यह जरूरी नहीं की हम परिषद् सदस्यों से ही सहयोग लें, यह सहयोग आप परिषद् सदस्यों के अतिरिक्त भी ले सकते हैं।
सभी से आग्रह कि आप जो भी आर्थिक सहयोग इस प्रकल्प के लिए करें, वह कृपया प्रांत के माध्यम से ही करें।
क्या प्रांत इस प्रकल्प के अंतर्गत अन्य शाखाओं से आर्थिक सहयोग की अपेक्षा कर सकता है, यह सहयोग आप व्यक्तिगत कर सकते हैं, शाखा कर सकती है और परिषद् के सदस्यों के अतिरिक्त अन्य किसी से भी एकत्रित कर सकते, लेकिन करें अवश्य
मैं, यहाँ ग्रुप में हमारे सभी साथियों को बताना चाहूँगा कि विकास रत्न श्री श्याम सुंदर चांडक जी ने 21000/- का सहयोग अपने व्यक्तिगत प्रयासों से किया है, इस सहयोग के लिए उन्होंने-
कुछ धन शाखा से लिया, कुछ शाखा सदस्यों से लिया, कुछ अपने परिवार/रिश्तेदारों से लिया, कुछ अपने मित्रों से लिया और काफी कुछ हमेशा की अपनी तरफ से किया। और ऐसे कुछ कुछ बहुत कुछ हो गया।
आपका प्रयास काफी प्रेरणादायक है। प्रांत आपको नमन करता है और साधुवाद आपको
गर्म वस्त्र वितरण
हर वर्ष की भांति इस वर्ष भी शरद् ॠतु में अनेक शाखाओं ने गर्म वस्त्र वितरण का कार्यक्रम आयोजित किया, जिसका विवरण निम्न प्रकार से है-
नागौर, खींवसर व जायल शाखाओं द्वारा
""1 लाख कम्बल"" नागौर जिले में सागरमल नाहटा ट्रस्ट के सौजन्य से वितरित किए गए, यह हमारे संगठन के लिए गर्व का विषय है कि इतने बङे काम की जिम्मेदारी हमें सौपी गई।
गंगानगर प्रताप-461 स्वेटर वितरण व 120 बच्चों को जूते और जुराबें व 31 कम्बलों का वितरण किया गया, गौशाला में गोऊ माता को 118 कम्बल वितरित किए गए।
मकराना-441 ऊनी स्वेटर वितरण
परबतसर शाखा द्वारा 350 कम्बल और 375 स्वेटर वितरण का बहुत बङा कार्यक्रम आयोजित किया।
डैगाना-101 स्वेटर वितरण
पीलीबंगा-62 बच्चों को स्वेटर जूते और जुराबें वितरित किये गए
हनुमानगढ़ भटनेर-31 जर्सियां वितरण
थर्मल-25 परिवारों को गद्दे, रजाई और परिवार के सभी लोगों को गर्म वस्त्र वितरण
हर वर्ष की भांति इस वर्ष भी शरद् ॠतु में अनेक शाखाओं ने गर्म वस्त्र वितरण का कार्यक्रम आयोजित किया, जिसका विवरण निम्न प्रकार से है-
नागौर, खींवसर व जायल शाखाओं द्वारा
""1 लाख कम्बल"" नागौर जिले में सागरमल नाहटा ट्रस्ट के सौजन्य से वितरित किए गए, यह हमारे संगठन के लिए गर्व का विषय है कि इतने बङे काम की जिम्मेदारी हमें सौपी गई।
गंगानगर प्रताप-461 स्वेटर वितरण व 120 बच्चों को जूते और जुराबें व 31 कम्बलों का वितरण किया गया, गौशाला में गोऊ माता को 118 कम्बल वितरित किए गए।
मकराना-441 ऊनी स्वेटर वितरण
परबतसर शाखा द्वारा 350 कम्बल और 375 स्वेटर वितरण का बहुत बङा कार्यक्रम आयोजित किया।
डैगाना-101 स्वेटर वितरण
पीलीबंगा-62 बच्चों को स्वेटर जूते और जुराबें वितरित किये गए
हनुमानगढ़ भटनेर-31 जर्सियां वितरण
थर्मल-25 परिवारों को गद्दे, रजाई और परिवार के सभी लोगों को गर्म वस्त्र वितरण
Year : 2014-15
रक्त दान शिविर
Blood Donation Camps

Highest No, of Blood units Collection by
Sri Vijaynagar Brach
Followed by Jetsar Branch
IN PRANT IT IS A RECORD COLLECTION OF HIGHEST NO. OF BLOOD UNITS IN YEAR 2014-15
Sri Vijaynagar Brach
Followed by Jetsar Branch
IN PRANT IT IS A RECORD COLLECTION OF HIGHEST NO. OF BLOOD UNITS IN YEAR 2014-15
Saral Samuhik Vivah

It is a Sewa program being done by only SriGanganagar Branches in the prant in which Gharsana, Anoopgarh, Jetsar, & Vijaynagar are the leading branches in this project and regularly doing this project since their foundation.
Last year Gharsana was the leading branch in this project by doing 17 marriages followed by Anoopgarh, Vijaynagar and Jetsar who concluded 12, 6 and 3 marriages respectively.
Till date Gharsana, Anoopgarh, Vijaynagar & Jetsar branch concluded 135,102, 31& 26 Saral Sahumik Vivah in their area.
And today Bharat Vikas Parishad is recognized in this area by its Saral Sahumik Vivah Project.
Last year Gharsana was the leading branch in this project by doing 17 marriages followed by Anoopgarh, Vijaynagar and Jetsar who concluded 12, 6 and 3 marriages respectively.
Till date Gharsana, Anoopgarh, Vijaynagar & Jetsar branch concluded 135,102, 31& 26 Saral Sahumik Vivah in their area.
And today Bharat Vikas Parishad is recognized in this area by its Saral Sahumik Vivah Project.
Rashtiya Sewa Prakalp - Viklang Sewa

In Year 2006 this project was under taken by Suratgarh Branch and from then it is continuing today year by year. Due to this project in Suratgarh Tehsil till now 150 Viklang Brothers and Sisters have been benefited.
Today Suratgarh Bharat Vikas Parishad Branch is being recognized by this Sewa Prakalp.
On 18th August 2011branch donated one tricycle to Viklang Sister in Govt. Senior Secondary School, Suratgarh.
YEAR - 2011-12
18th March'12, Bikaner Nagar Ekai organized Viklang Sahayog Sivar and donated 40 tricycles, 10 Wheelchairs, and 75 Artifical Limbs.
On this same day Suratgarh Branch also organised Viklang Sivar and donated 25 Aritifical Limbs.
Today Suratgarh Bharat Vikas Parishad Branch is being recognized by this Sewa Prakalp.
On 18th August 2011branch donated one tricycle to Viklang Sister in Govt. Senior Secondary School, Suratgarh.
YEAR - 2011-12
18th March'12, Bikaner Nagar Ekai organized Viklang Sahayog Sivar and donated 40 tricycles, 10 Wheelchairs, and 75 Artifical Limbs.
On this same day Suratgarh Branch also organised Viklang Sivar and donated 25 Aritifical Limbs.